लखनऊ: लखनऊ यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की बायोमेट्रिक उपस्थिति को लेकर बवाल शुरू हो गया है. यूनिवर्सिटी का कोई भी शिक्षक इसके पक्ष में नहीं है. प्रशासनिक आदेश होने के चलते शिक्षक दबी जुबान में इसका विरोध कर रहे हैं. वहीं लखनऊ यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ (LUTA) की तरफ से खुले तौर पर इसका विरोध किया जा रहा है. संगठन की तरफ से इसे विश्वविद्यालय और शिक्षकों की स्वायत्तता (Autonomy) पर हमला बताया गया है.
लखनऊ यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ का कहना है कि बायोमेट्रिक के बिना ही लखनऊ यूनिवर्सिटी को प्रदेश का नंबर वन यूनिवर्सिटी घोषित किया गया है. यूनिवर्सिटी ने राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) के मूल्यांकन में देश के टॉप ग्रेड A++ हासिल किया है. शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. विनीत वर्मा का कहना है कि बायोमेट्रिक हाजिरी शिक्षकों पर अविश्वास और असम्मान का परिचायक है. इसका उद्देश्य शैक्षिक गुणवत्ता की बजाय यूनिवर्सिटी की स्वायत्तता पर प्रहार है. यह यूनिवर्सिटी में नौकरशाही के बढ़ते प्रभाव का परिणाम है. हमने A++ ग्रेड बिना बायोमैट्रिक अटेंडेंस के प्राप्त किया है.
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