लखनऊः राजधानी के मोहान रोड से डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर बुधवार को नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया. नाटक का आयोजन बीएएसएलपी पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों ने किया. इस दौरान एमेनिटीज block-1 में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से श्रवण बाधितार्थ के सामने आने वाली दिक्कतों, उससे होने वाली परेशानियों एवं उससे बचाव के उपाय की जानकारी देने का प्रयास किया गया.
पहचान के लिए उठाया जाना चाहिए ठोस कदम
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. राणा कृष्णपाल सिंह ने रोजाना ऊंची आवाज में संगीत सुनने से होने वाले नुकसान, बिना चिकित्सकीय परामर्श के दवाओं के प्रयोग से होने वाले दुष्प्रभाव और परिवार की वृद्ध महिलाओं द्वारा नवजात शिशुओं के सुनने की क्षमता के परीक्षण की प्रासंगिकता पर बल दिया. उन्होंने बताया कि तकनीक का लाभ श्रवण बाधितों की पहचान और उसके रोकथाम के उपायों को लागू करने में भी उठाया जाना चाहिए.