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Published : Aug 20, 2021, 2:29 PM IST

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स्कूलों के संचालन की नई समयशारिणी जारी, कम छात्रसंख्या वाले कक्षा 1 से 8 वाले स्कूलों में चलेगी केवल एक शिफ्ट

कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों को सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और दूसरी पाली में सुबह 11:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक संचालित किया जाएगा.

उप्र में अब एक पाली में भी चलेंगे यह स्कूल, तीन घंटे की होगी क्लास
उप्र में अब एक पाली में भी चलेंगे यह स्कूल, तीन घंटे की होगी क्लास

लखनऊ :उत्तर प्रदेश में 9 से 12 तक की कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं. 23 अगस्त से कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को भी स्कूल बुलाया जा रहा है. पहली सितंबर से कक्षा एक से 5 तक के बच्चों को भी बुलाया गया है. अभी तक स्कूलों का संचालन दो शिफ्टों में किया जा रहा था लेकिन कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों के स्कूल पहुंचने पर इसमें बदलाव किया जाएगा.

कम छात्र संख्या वाले कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों को एक शिफ्ट में संचालित किया जा सकेगा. यह एक शिफ्ट 3 घंटे की होगी. महानिदेशक स्कूली शिक्षा की ओर से यह दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. साफ किया गया है कि कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों को सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और दूसरी पाली में सुबह 11:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक संचालित किया जाएगा. यह दिशानिर्देश सिर्फ उन स्कूलों पर लागू होंगे जिनमें छात्र संख्या अधिक है. कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को एक पाली में ही संचालित किया जाएगा.

9 से 12 को एक शिफ्ट में बुलाने का प्रस्ताव

कक्षा 9 से 12 तक के छात्र-छात्राओं को भी अब दो के बजाय एक शिफ्ट में ही कक्षाएं संचालित करने पर विचार किया जा रहा है. स्कूल प्रबंधन का कहना है कि आधी क्षमता के साथ छात्रों को 6 घंटे के लिए स्कूल बुलाया जाएं. अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की ओर से जल्द ही उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा और बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी को इस संबंध में ज्ञापन भी भेजा जा रहा है. हालांकि अभिभावकों की ओर से स्कूल खोले जाने का विरोध शुरू कर दिया गया.

क्या कहते हैं स्कूल संचालक

अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों के स्कूल आने के बाद दो पालियों में संचालन मुश्किल होगा. ऐसे में चार की जगह 6 घंटे की कक्षाएं संचालित करने का सुझाव आया है. इसमें भी आधी क्षमता के साथ एक दिन छोड़कर ही बच्चों को बुलाया जाएगा.

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यदि एक छात्र को सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को बुलाया जाएगा तो दूसरे को मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को ही स्कूल में आना होगा. उधर, जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल के चेयरमैन सर्वेश गोयल का कहना है कि जूनियर कक्षा के बच्चे स्कूल वाहनों पर निर्भर हैं. दो सीट में स्कूल संचालित करते समय स्कूली वाहन की सुविधा उपलब्ध कराना संभव नहीं हो पाएगा.

सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षक भी नाराज

प्रदेश सरकार के दो पाली में स्कूल संचालित करने के फैसले को लेकर सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षक भी काफी नाराज हैं. उनका कहना है कि 8:30 घंटे तक उनको ड्यूटी करनी पड़ रही है. इसे लेकर उन शिक्षकों की ओर से आपत्तियां भी जताई गईं हैं. माध्यमिक शिक्षक संगठन 25 अगस्त के बाद एक शिफ्ट में स्कूल संचालित किए जाने की घोषणा कर सकता है.

अभिभावक कर रहे विरोध

प्रदेश सरकार की तरफ से एक सितंबर से कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के लिए भी स्कूल खोलने की घोषणा की जा चुकी है लेकिन अभिभावक इसके विरोध में उतर आए हैं. अभिभावकों ने कहा कि बड़े बच्चे सोशल डिस्टेंसिंग एवं कोरोना के नियमों का पालन करना जानते हैं पर कक्षा एक से पांच तक के बच्चे काफी छोटे होते हैं.

वह आसानी से कोरोना के नियमों का पालन नहीं कर सकते. लखनऊ अभिभावक विचार परिषद के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने कहा कि वर्चुअल मीटिंग में 90 फीसद अभिभावकों ने स्कूल खोले जाने को गलत बताया है. अब परिषद अभिभावकों के घर जाकर संवाद करेगी और मंशा जानेगी. यदि सरकार बच्चों के स्कूल खोलने का आदेश वापस नहीं लेती है तो मजबूरीवश आंदोलन करना पड़ेगा.

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