लखनऊ: प्रदेश में हज (Haj 2023) के लिए आवेदन शुरू होने वाले है. इससे पहले ही उत्तर प्रदेश हज समिति का दफ्तर (UP Haj Committee office) विधान सभा मार्ग से सरोजनीनगर स्थित हुज हाउस में बनाया जाएगा. ये फैसला शनिवार को उत्तर प्रदेश हज समिति की बैठक में लिया गया. अध्यक्ष उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति के अध्यक्ष मोहसिन रज़ा की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति की बोर्ड बैठक हुई. बैठक में हज से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा उपरांत आवश्यक निर्णय लिया गया. इसमें उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति का कार्यालय 10ए विधानसभा मार्ग से स्थानांतरित करके स्थाई रूप से हज हाऊस, सरोजनीनगर करने पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया.
हज समिति की मौजूदा बिल्डिंग का हिस्सा जर्जर हालात में लोहे की पाइप और एंगल के सहारे टीका हुआ है. वही दूसरे हिस्से पर सभी कर्मी काम करते है. बताया जा रहा है कि हज समिति की बिल्डिंग लोक भवन की पास है, जिसके चलते आला कमान ने इसे खाली कराने का मन बना लिया है, जिसका विरोध हज समिति भी नही कर रही है. करीब 13 साल पहले हज समिति के दफ्तर को खाली करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन समिति के अधिकारियों और कर्मियों ने योजना को सफल नहीं होने दिया था, लेकिन इस बार कर्मी चाह कर भी विरोध नही कर पा रहे हैं.
हज समिति के चेयरमैन ने ये कहा.
अंग्रेजी शासनकाल में बनी इस बिल्डिंग में सचिवालय के अधिकारी केबी टंडन रहते थे. उसके कुछ साल डायरेक्ट्रेट का ऑफिस रहा. इसके बाद अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम का कार्यालय रहा. करीब 1985 से हज समिति का कार्यालय संचालित है.
करीब सात साल पहले मेट्रो के निर्माण की वजह से इस बिल्डिंग को काफी दुर्दशा हो गई. मेट्रो निर्माण के चलते कार्यालय का करीब आधा हिस्सा छतिग्रस्त हो गया. कार्यालय का एक हिस्सा लोहे के पाइप के जाल पर टिका है. इसका फ्लोर भी जमीन में धंस गया है. इसके बावजूद इस कार्यालय के कर्मचारी जर्जर बिल्डिंग में कार्य कर रहे हैं. मेट्रो ने उसे बनवाने की पहल की. समिति ने एक प्रपोजल बनाकर शासन भी भेजा था लेकिन सियासी खेल और लेट लतीफी के चक्कर में ये निर्माण कार्य अभी तक अटका हुआ है. अब ये बिल्डिंग बनने के बजाए पूरा दफ्तर ही हज हाउस स्थानातरण कर दिया जाएगा.
हज समिति के कर्मचारियों ने कहा कि कार्यालय शिफ्ट होने से हम लोगों को आने जाने में बहुत दिक्कत होगी. अगर यही कार्यालय ठीक हो जाता तो बेहतर होता. उन्होंने बताया कि बिल्डिंग की मरम्मत के लिए कई बार शासन को पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नही आया जबकि ये निर्माण मेट्रो द्वारा होना है. मेट्रो ने हज समिति की जमीन पर मेट्रो का निर्माण कराया है, जिसके बदले में मेट्रो को बिल्डिंग को नए सिरे से बनाने का अनुबंध है. सरकार का इसमें कोई भी पैसा नहीं लगना है. सरकार बस अनुमति दे दे तो इस बिल्डिंग का निर्माण ही जाएगा.
इस बारे में हज समिति के चेयरमैन मोहसिन रजा का कहना है कि मौजूदा समय में जिस जमीन पर हज समिति का कार्यालय है, ये हज समिति की नहीं है. वहीं दूसरी तरफ हज समिति का हज हाउस काफी बड़ा है. ऐसे में इस कार्यालय को हज हाउस में शिफ्ट करने का फैसला लिया गया है, जिससे हज समिति का खुद का अपना कार्यालय होगा.
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