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आवास विकास परिषद के फ्लैट बेचने की ये यह तैयारी

लखनऊ सहित अन्य शहरों में आवास विकास परिषद के बनाए गए अपार्टमेंट्स के फ्लैट्स की बिक्री नहीं हो रही है. विकास परिषद अब इन पर और अधिक छूट देने की तैयारी कर रहा है. इसके पहले इन पर पांच से दस प्रतिशत की छूट दी जाती थी. शासन स्तर से सहमति मिलने के बाद फ्लैट की कीमत में 10 फीसद की छूट और दी जा सकती है.

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Published : Feb 15, 2021, 4:55 PM IST

कीमत कम करने की तैयारी
कीमत कम करने की तैयारी

लखनऊ: बिना डिमांड के आवास विकास परिषद ने हजारों की संख्या में लखनऊ सहित अन्य शहरों में अपार्टमेंट बनाकर खड़े कर दिए, लेकिन अब आवास विकास परिषद इन फ्लैटों को बेच नहीं पा रहा है. 5 से 10 फीसदी की छूट दिए जाने के बावजूद अभी भी लखनऊ सहित अन्य शहरों में 10 हजार से अधिक फ्लैट बिक नहीं पा रहे हैं.

अभी तक मात्र दस फीसदी की मिलती थी छूट
अब जब इन अपार्टमेंट के फ्लैट बिक नहीं पा रहे हैं, तो आवास विकास परिषद इन फ्लैट्स को और सस्ता करने की तैयारी कर रहा है. अधिकारियों के मुताबिक, फ्लैट बेचने को लेकर लगातार समीक्षा बैठक हो रही है. बैठक में इस बात पर चर्चा हो रही है कि किस तरह इन फ्लैट्स को बेचकर फंसी हुई कीमत निकाली जा सके. अब शासन स्तर से सहमति मिलने के बाद फ्लैट की कीमत में 10 फीसद की छूट और दी जा सकती है.

रियल स्टेट के क्षेत्र में मंदी के चलते नहीं बिक पा रहे फ्लैट
पिछले करीब 5 साल से रियल स्टेट के क्षेत्र में मंदी की वजह से आवास विकास परिषद फ्लैट बेचने में नाकाम साबित हो रहा है. आवास विकास परिषद के स्तर पर पिछले दो वर्षों में करीब 50 बार फ्लैट आवंटन के लिए पंजीकरण खोला गया, लेकिन फ्लैट नहीं बिक पाए. इसके अलावा पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर भी आवास विकास परिषद ने अपने फ्लैट को बेचने की योजना बनाई, लेकिन इसमें भी अपेक्षा के अनुसार फ्लैट नहीं बिक पाए.

शासन स्तर पर सहमति के बाद मिल सकती है छूट
आवास विकास परिषद ने 'पहले आओ, पहले पाओ' के अंतर्गत फ्लैट बेचने की जो योजना बनाई. उसमें 2 महीने में एकमुश्त भुगतान पर 2 प्रतिशत छूट भी देने की बात कही, लेकिन इस पर भी फ्लैट्स नहीं बिके. इसके अलावा पांच से 10 प्रतिशत की अलग-अलग योजनाओं में छूट दिए जाने का प्रावधान किया गया. इन सारे प्रयासों के बावजूद फ्लैट बिक नहीं पा रहे हैं. अब एक बार फिर आवास विकास परिषद अपनी सभी योजनाओं में 10 से 20 फीसद तक की और कमी करने की तैयारी में है, जिससे प्रदेश भर में करीब 300 करोड़ रुपये के फ्लैट बेचे जा सकें.

तीस लाख से लेकर एक करोड़ कीमत के हैं फ्लैट
आवास विकास परिषद की अलग-अलग योजनाओं में 30 लाख से लेकर एक करोड़ कीमत के फ्लैट्स बने हुए हैं, लेकिन इनकी बिक्री नहीं हो पा रही है. आवास विकास परिषद के वित्त नियंत्रक महेंद्र वर्मा का कहना है कि खाली पड़ी संपत्तियों की बिक्री को कैसे बढ़ाया जाए, उसको लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. अभी एकमुश्त जमा के अलावा भी 10 प्रतिशत छूट अलग-अलग योजनाओं में दी जा रही है. जो संपत्तियां बची हैं, उन्हें बेचने के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है. छूट दिए जाने को लेकर भी शासन स्तर पर सहमति मिलने के बाद छूट दी जाएगी.

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