लखनऊ : भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार की मातृभाषा हिंदी के प्रोत्साहन के प्रति मूल भावना से प्रेरित होकर डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ ने एक बड़ा फैसला लिया है. आगामी गैर शैक्षणिक पदों के सापेक्ष भर्ती की प्रवेश परीक्षाओं का माध्यम अब द्विभाषिक (बाइलिंगुअल) रहेगा. संस्थान की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि इस प्रकार आवेदक परीक्षार्थियों, विशेषकर उत्तर प्रदेश जहां की भाषा का मुख्य माध्यम हिंदी है, उन्हें न्याय उचित व न्याय संगत अवसर प्राप्त रहेगा.
कर्मचारियों को दी गई विदाई : प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीनस्थ डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान (Dr. Ram Manohar Lohia Institute) ने वर्तमान के हॉस्पिटल ब्लॉक (विलय से पूर्व, बगल में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित डॉ. राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय) में पहले से स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनियुक्ति पर तैनात कार्मिकों के अंतिम बैच को बुधवार को विदाई दी.
विलय के बाद शासकीय नियमानुसार चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग (medical health department) के अधीनस्थ कार्मिकों का उनकी यहां पर प्रतिनियुक्ति की तीन वर्ष की अवधि समाप्त होने पर, दोबारा अपने मूल विभाग में जाकर रिपोर्ट करना आवश्यक हो जाता है. इसके पहले भी जिन जिन कार्मिकों की अवधि समाप्त होती गई है, वे वापस यहां लोहिया संस्थान से दोबारा अपने मूल चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में जाते रहे हैं. संस्थान प्रशासन ने उनकी सेवाओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना कर उन्हें शुभकामनाएं दीं.
अब हिंदी में भी होगी गैर शैक्षणिक पदों की परीक्षा, जानिए किस संस्थान ने लिया फैसला - चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग
भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार की मातृभाषा हिंदी के प्रोत्साहन के प्रति मूल भावना से प्रेरित होकर डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ ने एक बड़ा फैसला लिया है. आगामी गैर शैक्षणिक पदों के सापेक्ष भर्ती की प्रवेश परीक्षाओं का माध्यम अब द्विभाषिक (बाइलिंगुअल) रहेगा.
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