लखनऊ : सिविल अस्पताल में अब ब्लड बैंक में और भी ज्यादा सटीक और गुणवत्तापूर्ण तरीके से ब्लड ग्रुप की पहचान की जा सकेगी. इसके लिए अस्पताल में एडवांस जैल कार्ड तकनीक उपलब्ध करा दी गई है. यह सुविधा उपलब्ध कराने वाला पहला सरकारी अस्पताल है. अभी बलरामपुर में भी जैल कार्ड की सुविधा उपलब्ध नहीं है. अस्पताल में इस सुविधा के आने से कर्मचारियों व मरीजों दोनों को इसका फायदा मिलेगा. कर्मचारियों को इस एडवांस टेक्निक से ब्लडग्रुप की पहचान करने करने में आसानी होगी, वहीं मरीजों को भी समय पर और जल्द रिपोर्ट मिल सकेगी.
ब्लडबैंक कर्मचारियों को दी गई ट्रेनिंग : अस्पताल की ब्लडबैंक प्रभारी रत्ना पाण्डेय ने बताया कि 'अब तक ब्लड बैंक में खून का क्रॉस मैच कराने में घंटे भर का समय लग जाता था, मगर अब जैल कार्ड तकनीक से खून की क्रॉस मैचिंग 20 मिनट में ही हो जाएगी. इसके साथ ही मरीज को फौरन खून चढ़ाने के लिए दे दिया जाएगा. इसके लिए ब्लडबैंक कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई है. बता दें कि यह सुविधा अस्पताल में उपलब्ध कराने के लिए अस्पताल के निदेशक डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने खुद ही इसकी शुरुआत की है और सरकार द्वारा दिये गए अस्पताल के बजट से जैल कार्ड मंगाए हैं.'
क्या है जैल कार्ड :सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 'खून की जांच के लिए साधारण तरीका है, लेकिन जैल कार्ड के जरिए एक घंटे के भीतर ही मरीज की जांच रिपोर्ट बन जाती है. दरअसल, यह विधि जैल मैट्रिक्स में निहित सूक्ष्म नलिकाएं का उपयोग करती हैं, जो पारंपरिक टेस्ट ट्यूब विधियों की तुलना में एग्लूटिनेशन प्रतिक्रियाओं का आसान और अधिक सटीक पता लगाने की अनुमति देती हैं. जैल कार्ड विधि एग्लूटिनेशन और हेमग्लूटिनेशन के सिद्धांतों पर आधारित है.'