लखनऊ: शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का एडमिशन न लेने पर शहर के 30 स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है. यह कार्रवाई जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार ने की है. उन्होंने बताया कि निजी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए अंतिम चेतावनी दी गई है. इसके बाद भी शिकायत मिलती है तो संबंधित स्कूल की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी.
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत हर प्राइवेट स्कूलों को निर्धारित सीटों में से दुर्बल वर्ग के बच्चों को 25 प्रतिशत सीटों पर नि:शुल्क प्रवेश देना है. इसके एवज में सरकार संबंधित स्कूलों को प्रति माह प्रतिपूर्ति शुल्क जारी करती है, लेकिन सिटी के कई नामचीन स्कूलों ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों का दाखिला ही नहीं लिया है.
30 अगस्त तक निजी स्कूलों में होना था दाखिला
बता दें कि राजधानी समेत प्रदेश भर में आरटीई के तहत निजी स्कूलों में दाखिले के लिए तीसरे चरण में 17 जुलाई से 10 अगस्त तक आवेदन करना था. इसके बाद 11 से 12 अगस्त के बीच जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने आवेदन पत्र का सत्यापन कर उन्हें लॉक कर दिया था. विभाग ने 14 अगस्त को लॉटरी निकाली और 30 अगस्त तक पात्र बच्चों का निजी स्कूलों में दाखिला सुनिश्चित कराना था. इसके बाद भी बड़ी संख्या में बच्चे दाखिले से वंचित रह गए.
कमी बताकर टाल देते हैं निजी स्कूल संचालक
लखनऊ में इस बार ऑनलाइन माध्यम से 11,729 और ऑफलाइन माध्यम से करीब 900 पात्र बच्चों को शिक्षा के अधिकार के तहत दाखिला दिलाया जाना था. लापरवाही के कारण मात्र 8,500 बच्चों को ही निजी स्कूलों में दाखिला मिल सका है. शिक्षा विभाग से मिली शिकायत के अनुसार, प्रवेश के लिए पहुंचने वाले अभिभावकों को स्कूल प्रबंधक कोई न कोई कमी बताकर टाल देते हैं.
30 से अधिक निजी स्कूलों को नोटिस जारी
बीएसए दिनेश कुमार ने बताया कि शहर के 30 से अधिक निजी स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है. इसके बाद स्कूल दाखिला लेने के लिए राजी हो गए. अगर बच्चों के दाखिला न लेने की दोबारा शिकायत मिलती है तो संबंधित स्कूलों की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी.