लखनऊ :आलमबाग डीजल शेड से डीजल का टैंकर चोरी करने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. रेलवे सुरक्षा बल(आरपीएफ) के जवानों ने डीजल का टैंकर चोरी करने वाले सीएलआई बीएस मीणा को भले ही गिरफ्तार कर लिया हो, लेकिन क्राइम ब्रांच के पास साक्ष्य के तौर पर कई दस्तावेज मौजूद हैं. जिनमें डीजल चोरी की रकम के बंटवारे का लेखा-जोखा है. सूत्र की मानें तो डीजल शेड से लेकर डीआरएम कार्यालय के अधिकारियों और यूनियन नेताओं तक को डीजल चोरी का हिस्सा पहुंचाया जाता था. यही यूनियन के नेता और रेलवे के अधिकारी बीएस मीणा को संरक्षण प्रदान करते थे. बता दें कि, बीते रविवार को आरपीएफ(RPF) ने टैंकर दो टैंकर चोरों भगवान सिंह मीणा और चंद्र प्रकाश को गिरफ्तार किया था. जिसमें भगवान सिंह मीणा रेलवे के मुख्य चीफ इंस्पेक्टर (सीएलआई) के पद पर तैनात है और चंद्र प्रकाश चीफ लोको इंस्पेक्टर है.
पकड़े गए आरोपी भगवान सिंह मीणा के पास से चोरी के 3 लाख 10 हजार रुपये भी बरामद हुए थे. अब इस मामले में क्राइम ब्रांच को कुछ साक्ष्य मिले हैं, जिसमें डीजल चोरी के पैसों के बंदरबांट का लेखा-जोखा है. बता दें कि 28 जुलाई की रात आलमबाग डीजल शेड से तेल चोरी किया गया था, जिसकी कीमत लगभग 18 लाख रुपये थी. डीजल शेड में इंडियन ऑयल डिपो अमौसी से आने वाले 2 डीजल टैंकरों में से एक टैंकर को चीफ लोको इंस्पेक्टर बीएस मीणा ने रास्ते में गायब करा दिया था. क्राइम ब्रांच सीएलआई बीएस मीणा के साथ ही चंद्रप्रकाश को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है.