लखनऊ : महाठग अनूप चौधरी ने रेलवे के अधिकारियों से रेलवे बोर्ड के फर्जी सदस्य के रूप में जमकर खातिरदारी कराई. रेलवे अधिकारी उसकी आवभगत में लग रहे और उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगी कि वह जिसके सेवा में लगे हुए हैं वो रेलवे बोर्ड का सदस्य है ही नहीं. फर्जी रेलवे बोर्ड सदस्य अनूप चौधरी मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय की कई बैठकों में भी हिस्सा ले चुका था. आखिर रेलवे बोर्ड के सदस्यों के बारे में अधिकारियों को अधिकृत जानकारी क्यों नहीं रहती? ईटीवी भारत के इस सवाल पर उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधुरी ने कहा कि 'अब फर्जी सदस्य न बनने पाएं, इसको लेकर रेलवे पूरी सक्रियता बरतेगा. इस मामले में गलती हुई है, आगे अब ऐसा नहीं होने पाएगा.'
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधुरी लखनऊ में निरीक्षण करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए. हाल ही में रेलवे बोर्ड के फर्जी सदस्य बनकर ठगी करने वाले अनूप चौधरी को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया तब जाकर खुलास हुआ कि यह महाठग रेलवे बोर्ड का सदस्य कभी रहा ही नहीं था. फर्जी सदस्य बनकर स्टेशनों का निरीक्षण करता था. अधिकारियों से सेवाएं लेता था. सवाल यही खड़ा हुआ कि आखिर रेलवे के अधिकारियों को ही इसकी जानकारी क्यों नहीं होती है कि कौन बोर्ड का सही सदस्य है और कौन फर्जी? निरीक्षण से पहले अधिकारियों को जानकारी क्यों नहीं होती? यही सवाल "ईटीवी भारत" ने उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधुरी से किया तो उन्होंने कहा कि 'इसकी पुनरावृत्ति न होने पर इसके लिए अब प्रयास किए जा रहे हैं. हर स्तर पर जांच की जाएगी की कौन रेलवे बोर्ड का सदस्य है.'