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लखनऊ: IHM में 'नॉर्थ-ईस्ट फूड फेस्ट' का आयोजन, जानें क्या है खास

यूपी की राजधानी लखनऊ में भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय के मार्गदर्शन में आईएचएम लखनऊ में 'नॉर्थ ईस्ट फूड फेस्ट' का आयोजिन किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश की सांस्कृतिक विविधता पर केंद्रित करना था.

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Published : Feb 21, 2020, 2:58 AM IST

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'नॉर्थ-ईस्ट फूड फेस्ट.

लखनऊ: उत्तर-पूर्वी भारत में सात राज्य शामिल हैं, जिन्हें सम्मिलित रूप से 'सात बहनें' कहा जाता है. इनमें अरूणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा राज्य शामिल हैं. मेघालय और अरुणांचल की संस्कृति को जानने और समझने के लिए आईएचएम लखनऊ में 'नॉर्थ ईस्ट फूड फेस्ट' का आयोजन किया गया है. गारो और खासी जनजातियों पर आधारित केंद्र सरकार के द्वारा केंद्रित दो प्रस्तावित राज्यों पर प्रकाश डाला गया है. इस आयोजन का उद्देश्य देश की सांस्कृतिक विविधता पर केंद्रित करना है.

'नॉर्थ-ईस्ट फूड फेस्ट' का आयोजन किया गया.
प्रिंसिपल ने दी जानकारी
इस कार्यक्रम में मेघालय और अरुणांचल दोनों राज्यों की स्थानीय संस्कृति, जातीय, वस्त्र, सजावट और हस्तकला को दर्शाते हुए, नॉर्थ ईस्ट थीम लंच का प्रदर्शन किया गया. आईएचएम लखनऊ के प्रिंसिपल राजीव मल्होत्रा ने बताया कि यह भारत के उत्तर-पूर्व के लोगों की विशिष्ट संस्कृति, पारंपरिक जीवन शैली के बारे में जागरूक करना है.

उत्तर-पूर्व के खास व्यंजन
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश की अखंडता में एकता के मार्ग पर बनाए रखना है. देश में इस क्षेत्र से पर्यटन को आकर्षित करने में सहायता प्रदान करेगा. केंद्र सरकार का यह प्रोग्राम गारो और खासी जनजातियों के द्वारा राज्यों के स्थानीय पोशाक और उत्तर-पूर्व के व्यंजन को जीवंत करते हैं.

850 छात्रों ने लिया हिस्सा
राजीव मल्होत्रा ने बताया कि इस प्रोग्राम में 850 छात्रों ने हिस्सा लिया और बारी-बारी से सांस्कृतिक प्रोग्राम करते हुए देश में एक अच्छा मैसेज देने के लिए रूपांतरित नाटक का प्रदर्शन किया. इसके बाद सभी लोगों ने मेघालय और अरूणांचल प्रदेश कि स्थानीय भोजन का स्वाद लिया.

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फिलहाल इस प्रोग्राम को लेकर प्रिंसिपल राजीव मल्होत्रा ने कहा कि इस तरह के प्रोग्राम से जहां एक तरफ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. वहीं देश के हित के लिए अखंडता में एकता साबित होगी. हमारा देश के लिए यह मैसेज है कि भले ही हमारे देश में कई राज्य हो, लेकिन हमारी संस्कृति एक है और हम एक हैं.

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