लखनऊ : मऊ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर पुलिस का शिकंजा कस गया है. पुलिस को इस मामले में धनंजय सिंह के खिलाफ पुख्ता सुबूत मिले हैं. लखनऊ की सीजेएम कोर्ट ने अजीत सिंह की हत्या मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह को हत्या की साजिश रचने का आरोपी बनाते हुए गैर जमानती वारंट जारी किया है. अब पुलिस धनंजय सिंह को जल्द ही गिरफ्तार कर सकती है. वारंट की सूचना मिलते ही बाहुबली धनंजय सिंह और उनके गुर्गे अंडर ग्राउंड हो गए.
ताबड़तोड़ गोली बरसाकर की गई थी हत्या
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 6 जनवरी कोमऊ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंहपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाते हुए बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी थी. यह वारदात गोमतीनगर के विभूतिखंड में कठौता चौराहे पर रात आठ बजे हुई थी. इस मामले में शुरू से ही पूर्व सांसद धनंजय सिंह का नाम आ रहा था. क्योंकि धनंजय सिंह ने इस मामले में घायल हुए एक शूटर के इलाज के लिए एके सिंह नामक डॉक्टर को फोन किया था और उसका इलाज अच्छे से करने को कहा था. डॉक्टर ने बताया था कि धनंजय सिंह ने उनसे कहा था कि लखनऊ के कृष्णानगर निवासी विपुल कुमार नाम का युवक किसी को लेकर पहुंच रहा है. उसके पेट में सरिया घुस गया है. उसका इलाज करना है.
पुलिस को मिले सुबूत
पुलिस को इस बयान के अलावा भी जांच-पड़ताल में कुछ सुबूत मिले थे, जिनके आधार पर धनंजय सिंह पर शक गहराता जा रहा था. इसी आधार पर पुलिस ने अब धनंजय सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का फैसला लिया है.
शूटर गिरधारी पुलिस मुठभेड़ में ढेर