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धर्म परिवर्तन मामला: मूक बधिर स्कूल की संचालिका ने खोले कई राज, ISI का भारतीय आतंकी पैदा करने की थी साजिश! - religious conversion

धर्म परिवर्तन मामले में यूपी एटीएस (UP ATS) की टीम धर्म परिवर्तन (religious conversion)की मुहिम के अहम किरदार मौलाना उमर गौतम और जहांगीर और नोएडा मूक बधिर स्कूल (noida deaf society) की संचालिका रोमा रोका से पूछताछ कर रही है. दो दिन की कड़ी पूछताछ के बाद संचालिका ने कई राज खोले हैं.

धर्म परिवर्तन मामला
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Published : Jun 23, 2021, 12:33 PM IST

लखनऊ: मूक बधिर बच्चों को लालच देकर धर्म परिवर्तन (religious conversion) कराने के आरोप में मोहम्मद उमर गौतम और काजी जहांगीर को गिरफ्तार किया गया था. दोनों ने एक हजार लोगों के धर्म परिवर्तन कराने की बात कबूली थी. एटीएस सूत्रों के मुताबिक, यह आंकड़ा एक हजार से बहुत ज्यादा है. टीम अब उन सभी लोगों को तलाश रही है, जिन्होंने धर्म परिवर्तन कराया है. एटीएस टीम पुलिस कस्टडी रिमांड पर धर्म परिवर्तन की मुहिम के अहम किरदार मौलाना उमर गौतम और जहांगीर और नोएडा मूक बधिर स्कूल (noida deaf society) की संचालिका रोमा रोका से पूछताछ कर रही है. पूछताछ में शामिल तमाम चेहरे सामने आ रहे हैं. दो दिन की कड़ी पूछताछ में संचालिका ने आईएसआई (ISI) की साजिश से जुड़े कई राज खोले हैं.

एटीएस (ATS) को इनपुट मिला है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI देश के भीतर ही आतंकी पैदा करने की गहरी साजिश रची रही थी. इसके लिए हिंदुओं के धर्मांतरण के लिए फैलाए गए जाल का एक सिरा यूपी ATS के हाथ में आ गया है. मूक बधिर बच्चों को रोजगार परक बनाने की आड़ में सरकार से हर साल मोटा अनुदान लेने वाली नोएडा डेफ सोसायटी ISI के इशारे पर हिंदुओ का धर्म परिवर्तन करवाकर उन्हें आतंकियों की फौज में भर्ती करने का बड़ा अड्डा था.

इस्लामिक दावा सेंटर कई साल से नोएडा डेफ सोसाइटी के छात्र-छात्राओं को बना रही थी निशाना
नोएडा डेफ सोसाइटी की संचालिका ने कबूला है कि उसके स्कूल में देश भर से ऐसे लड़के लड़कियों का दाखिला होता है, जिन्हें समाज मे जगह नहीं मिलती और परिवार भी उन्हें बोझ समझता है. खुद में हींन भावना लेकर आए यह मूक बधिर छात्र बड़ी आसानी से मोटिवेट हो जाते हैं. इसीलिए आईएसआई (ISI) के एजेंट के तौर पर काम कर रही मौलानाओं की संस्था दावा इस्लामिक सेंटर कई साल से नोएडा डेफ सोसायटी के छात्र-छात्राओं को निशाना बना रही थी. हालांकि संचालिका ने इन गतिविधियों से खुद को अनजान बताते हुए कहा कि इसमें उसके स्कूल के स्टाफ खास तौर पर एक महिला और एक पुरुष टीचर का हाथ था.

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ATS संचालिका को बना सकती है सरकारी गवाह
एटीएस (ATS) नोएडा डेफ सोसाइटी की संचालिका रोमा रोका को सरकारी गवाह बनाने की तैयारी में है. हालांकि, अपने बचाव में रोमा रोका की दलीलों पर एटीएस भरोसा नहीं कर पा रही है. एटीएस अफसरों का मानना है कि यूपी और एनसीआर में ISI की इस साजिश को मकसद तक पहुंचाने की मुख्य सूत्रधार रोमा का मूक बधिर स्कूल है. एटीएस ने पकड़े गए दोनों मौलानाओं को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया. एटीएस की अर्जी पर कोर्ट ने दोनों की एक सप्ताह की रिमांड मंजूर कर दी है. बुधवार से शुरू हो रही रिमांड के दौरान दोनों का सबसे पहले रोमा से आमना-सामना कराया जाएगा. इसके लिए रोमा को अभी तक एटीएस मुख्यालय में ही सुरक्षित स्थान पर रखा गया है. इसके बाद मौलानाओं को उन जगहों पर ले जाया जाएगा, जहां से उन्होंने धर्म परिवर्तन करवाए थे.

ट्रेंड कश्मीर छात्र करते हैं प्रेरित
एटीएस की छानबीन में सामने आया कि उसके स्कूल में ज्यादातर कश्मीरी मुस्लिम छात्र हैं. इन छात्रों को पहले से ट्रेनिंग देकर यहां भेजा जाता है. इसके बाद यही छात्र हिंदू छात्रों को इस्लाम कुबूल करने के लिए प्रेरित करते हैं. इसके लिए वह इस्लामिक संगठनों से मिलने वाले रुपए और अन्य सुविधाओं का लालच देते हैं. जैसे ही उन्हें कोई छात्र प्रलोभन में आते नजर आता, इसकी जानकारी स्कूल स्टाफ को देते हैं. स्कूल स्टाफ यह मैसेज दावा इस्लामिक सेंटर तक पहुंचाता, जिसके बाद मौलानाओं का धर्म परिवर्तन वाला खेल शुरू होता है. सबसे पहले वह झांसे में आए छात्रों को ISI के जरिए मिले फंड से आर्थिक मदद करते हैं. इसके बाद उन्हें अपने सेंटर ले जाकर मुस्लिम बनाने की प्रक्रिया पूरी की जाती है.

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केरल में सिमी के कैंप में महीनों होता था प्रशिक्षण
आईएसआई(ISI) के इस जाल में फंसे कुछ मूक बधिर छात्रों तक एटीएस टीम पहुंची तो पता चला कि देश में ही देश विरोधी आतंकी बनाए जा रहे हैं. पड़ताल में सामने आया कि नोएडा डेफ सोसाइटी से असहाय हिंदू छात्रों का धर्म परिवर्तन कराने के बाद उन्हें केरल के इडुक्की जिले में थांगलपारा ले जाया जाता था. जहां सबसे कट्टर इस्लामिक आतंकी संगठन सिमी का ट्रेनिंग कैंप चलता है. इस कैंप में धर्म परिवर्तन कर आए छात्रों को जेहादी साहित्य पढ़ाया जाता था. इसके बाद कई महीने तक इन्हें तैराकी, चट्टानों की चढ़ाई और दुनिया के सबसे आधुनिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती थी.

हिंदू बनकर स्कूल आते थे आतंकी एजेंट
नोएडा डेफ सोसायटी की संचालिका रोमा रोका ने बताया कि वह बंगाली हिंदू हैं. इस्लामिक दावा सेंटर के एजेंट उनके पास हिंदू बनकर आते थे. वह मदद पहुंचाने के बहाने छात्रों से मिलते जुलते थे. आवासीय स्कूल में बहुत ज्यादा कमरे न होने की वजह से कुछ छात्र बाहर किराए के कमरों में भी रहते थे. इस्लामिक दावा सेंटर के एजेंट ऐसे छात्रों से बाहर भी मिला करते थे. उनका हिंदू हुलिया होने की वजह से उनकी गतिविधियों पर कभी शक नहीं हुआ. इसी का फायदा उठाकर स्कूल स्टाफ इन एजेंटों का मकसद पूरा करने में मदद करता रहा.

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उमर की अरबों की संपत्ति का चला पता
धर्मांतरण के मामले में पकड़े गए मौलाना उमर गौतम की कई जगहों पर अरबों की संपत्ति होने का पता चला है. अकेले गाजियाबाद में उसकी काफी अचल संपत्ति होने का पता एटीएस को चला है. एक स्कूल में भी फंडिंग करने की आशंका जताई गई है. पुलिस स्कूल से जुड़े लोगों की कुंडली और बैंक डिटेल खंगाल रही है.

उमर व उसके साथियों ने 60 से अधिक मूक-बधिर छात्रों का कराया धर्म परिवर्तन
आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की छानबीन में सामने आया है कि मोहम्मद उमर गौतम व उसके साथियों ने 60 से अधिक मूक-बधिर छात्रों का धर्म परिवर्तनकराए थे. खास बात यह है कि सभी मूक-बधिर का नोएडा स्थित स्कूल से नाता जरूर रहा है. सूत्रों का कहना है कि इस स्कूल में वर्ष 2011 में पढ़ने वाले एक युवक का कई वर्ष बाद उमर गौतम ने धर्मांतरण कराया था. आशंका है कि इस स्कूल से मूक-बधिर का ब्योरा उमर व उसके साथियों से साझा किया जाता रहा है. एटीएस इस दिशा में अपनी पड़ताल के कदम तेजी से आगे बढ़ा रही है. एटीएस की टीमें दिल्ली व कुछ अन्य राज्यों में भी रवाना की गई हैं. आईजी एटीएस जीके गोस्वामी ने बताया कि आरोपित मो. उमर गौतम व मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी से पूछताछ शुरू कर दी गई है.

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UP और NCR में सबसे ज्यादा धर्मांतरण के केस
एटीएस की शुरुआती छानबीन में यह भी सामने आया है कि उमर गौतम व उसके साथी मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश व एनसीआर में सक्रिय थे और उनके द्वारा कराए गए एक हजार से अधिक धर्मांतरण में करीब 65 से 70 फीसदी धर्मांतरण इसी क्षेत्र में कराए गए. इनमें उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में 250 से अधिक धर्मांतरण कराए गए. पुलिस कस्टडी रिमांड पर पूछताछ के बाद अब इसका खुलासा होगा.

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