मुंबई:भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी, उनकी फ्रांसीसी पत्नी एस्तेर डुफ्लो और साथी अमेरिकी प्रोफेसर माइकल क्रेमर को अर्थशास्त्र में 2019 के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया. अभिजीत बनर्जी को मिले इस पुरस्कार से पूरी दुनिया के भारतीयों में खुशी की लहर है. खास बात यह है कि नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी का महाराष्ट्र से एक खास जुड़ाव है. दरअसल,58 वर्षीय अभिजीत बनर्जी का जन्म 1961 में महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में हुआ था. उन्होंने निर्मला और विनायक बनर्जी के घर जन्म लिया था.
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उन्होंने कोलकाता में प्रसिद्ध प्रेसीडेंसी कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की और परास्नातक की पढ़ाई उन्होंने प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से की. इसके बाद वह अपने 'सूचना अर्थशास्त्र में निबंध' पर अपने डॉक्टरेट के लिए हार्वर्ड विश्वविद्यालय गए. वह वर्तमान में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं.
आपको बता दें, तीनों विजेताओं को वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए उनके प्रयोगात्मक दृष्टिकोण के लिए इस प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया है. इन तीनों ने कई देशों के गरीब क्षेत्रों में काफी काम किया है. इन देशों में भारत, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका शामिल हैं.
नोबेल प्रशस्ति पत्र में कहा गया, पुरस्कार विजेताओं के शोध निष्कर्ष और उनके नक्शेकदम पर चलने वाले शोधकर्ताओं के निष्कर्ष ने गरीबी से लड़ने की हमारी क्षमता में नाटकीय रूप से सुधार किया है. उनके अध्ययन के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में, पांच मिलियन से अधिक भारतीय बच्चों को लाभ हुआ है. इसी के साथ निवारक स्वास्थ्य देखभाल के लिए भारी सब्सिडी की व्यवस्था को कई देशों में लागू किया गया है.