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प्रियंका से नजदीकी ने 'अपना दल' को दिखाया मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता!

उत्तर प्रदेश सरकार ने ढाई साल बाद अपने मंत्रिमंडल का पहला विस्तार किया. मंत्रिमंडल के इस विस्तार में अपना दल के किसी भी नेता को मंत्री नहीं बनाया गया है. योगी सरकार के इस फैसले से अपना दल काफी नाराज दिख रहा है. माना जा रहा है कि योगी सरकार ने अनुप्रिया पटेल से बगावत करने का बदला लिया है.

अनुप्रिया पटेल

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Published : Aug 22, 2019, 9:35 AM IST

लखनऊ: योगी मंत्रिमंडल के पहले विस्तार में बीजेपी के सहयोगी दल अपना दल के कोटे से कोई नया मंत्री नहीं बनाया जा सका. चर्चा यह थी कि अपना दल के कोटे से एमएलसी और अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल को कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई जाएगी, लेकिन जब राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह शुरू हुआ तो अपना दल की तरफ से न तो अनुप्रिया पटेल नजर आईं और न ही एमएलसी आशीष पटेल.

अपना दल के किसी भी सदस्य को नहीं मिली योगी मंत्रिमंडल में जगह.

बताया जा रहा है कि बीजेपी नेतृत्व को लोकसभा चुनाव के दौरान अपना दल के द्वारा दिखाए गए बगावती तेवरों की सजा दी गई है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली ऐतिहासिक विजय के बाद भी मोदी सरकार-2 में नेता और सांसद अनुप्रिया पटेल को मंत्री नहीं बनाया जा सका, जबकि मोदी सरकार-1 में उन्हें मंत्री बनाया गया था. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अनुप्रिया को स्थान न मिलने को लेकर बीजेपी नेतृत्व की तरफ से कहा गया था कि योगी आदित्यनाथ सरकार का जब विस्तार होगा तो आशीष पटेल को मंत्री बनाया जाएगा. वहीं जब योगी सरकार का विस्तार हुआ तो ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.

बीजेपी नेतृत्व की तरफ से और बताया जा रहा है कि उन्हें बगावती तेवर दिखाने की सजा मिली है. लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने बगावती तेवर दिखाते हुए प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी. ऐसे में अब बीजेपी ने उन्हें सबक सिखाने के लिए इस प्रकार की सजा दी है. योगी मंत्रिमंडल में एमएलसी आशीष पटेल को जगह न मिलने को लेकर अब अपना दल में नाराजगी देखी जा रही है. सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल में स्थान न पाने को लेकर न सिर्फ एमएलसी आशीष पटेल नाराज हैं, बल्कि उनकी पत्नी और अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल भी इस पूरे घटनाक्रम से काफी व्यथित हुई हैं.

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अनुप्रिया पटेल को उम्मीद थी कि उनके पति एमएलसी आशीष पटेल को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने को लेकर ईटीवी भारत ने जब आशीष पटेल से फोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि अब कुछ कहने के लिए बचा नहीं है. क्या कहे या न कहे इसका फैसला वह बैठक के बात करेंगे. योगी आदिनाथ सरकार का जब 2017 में गठन हुआ था तो अपना दल के कोटे से फतेहपुर के जहानाबाद विधानसभा सीट से विधायक जयकुमार सिंह जैकी को राज्यमंत्री बनाया गया था, लेकिन मंत्रिमंडल के ढाई साल बाद हुए पहले विस्तार को लेकर यह चर्चा थी कि एमएलसी आशीष पटेल को मंत्री बनाया जा सकता है लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ जिसके बाद अपना दल की तरफ से नाराजगी के स्वर सुनाई देने लगे हैं.

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बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि बीजेपी और सरकार के बीच जब आरएसएस के साथ बैठक हुई और मंत्रिमंडल के नामों पर चर्चा हुई तो आशीष पटेल को मंत्री बनाए जाने की बात हुई, लेकिन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह इसको लेकर कुछ दूसरी ही बात कह दी. उन्होंने कहा कि अगर आशीष पटेल को मंत्री बनाया जाना है तो इससे बेहतर है कि हम अपने ही पार्टी के कुर्मी बिरादरी के लोगों को आगे बढ़ाएं, जिससे समाज में भी अच्छा संदेश जाएगा और आने वाले समय में हमें अपना दल के सहयोग की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. ऐसे में कुर्मी बिरादरी के वोट बैंक में सेंध मारी और पार्टी को मजबूत करने की रणनीति को देखते हुए आशीष पटेल को मंत्री पद नहीं दिया.

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