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रोगी को अस्पताल में भर्ती करने के लिए RTPCR रिपोर्ट की कोई आवश्यकता नहीं: रोशन जैकब

लखनऊ में मंगलवार को प्रभारी अधिकारी कोविड-19 डॉ. रोशन जैकब ने स्मार्ट सिटी में बनाए गए इंट्रीग्रेटेड कोविड कन्ट्रोल एंड कमाण्ड सेंटर का निरीक्षण किया. इस दौरान डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि शासनादेश के अनुसार रोगी को हास्पिटल में भर्ती करने के लिए RTPCR रिपोर्ट की कोई आवश्यकता नहीं है.

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Published : May 5, 2021, 3:27 AM IST

रोशन जैकब.
रोशन जैकब.

लखनऊ:मंगलवार को प्रभारी अधिकारी कोविड-19 डॉ. रोशन जैकब ने स्मार्ट सिटी में बनाए गए इंट्रीग्रेटेड कोविड कन्ट्रोल एंड कमाण्ड सेंटर का निरीक्षण किया. प्रभारी अधिकारी द्वारा कन्ट्रोल सेंटर के द्वारा किये जा रहे कार्यो की गहन समीक्षा की व दिशा निर्देश दिए. प्रभारी अधिकारी ने बताया कि डीएसओ पोर्टल की समीक्षा करने पर संज्ञान में आया कि हास्पिटल एलोकेशन के लिए रिपोर्ट की अनिवार्यता पाई गई. RTPCR रिपोर्ट के आधार पर ही कमाण्ड सेंटर से रोगियों को हास्पिटल का एलोकेशन किया जाता पाया गया. जिसके संबंध में प्रभारी अधिकारी ने निर्देश दिया कि शासनादेश के अनुसार रोगी को हास्पिटल में भर्ती करने के लिए RTPCR रिपोर्ट की कोई आवश्यकता नहीं है.

मरीजों को भर्ती करने के लिए अस्पताल नहीं कर रहे अप्रूव्ड
उन्होंने कहा कि कोविड लक्षणात्मक रोगियों को भी तत्काल हास्पिटल में भर्ती करना सुनिश्चित कराया जाए. उन्होंने बताया कि CT स्कैन या कोविड लक्षण के आधार पर भी रोगी की टेम्प आईडी पोर्टल पर बनाते हुए हास्पिटल एलोकेशन की कार्यवाही की जाएगी. प्रभारी अधिकारी ने बताया की संज्ञान में आया है कि पोर्टल पर जिन रोगियों की टेम्प आईडी बना कर हास्पिटल एलोकेशन के लिए रिकवेस्ट भेजी जाती है. उसको अस्पतालों द्वारा भर्ती करने के लिए अप्रूवड नहीं किया जाता है. साथ ही टेम्प आईडी वाले रेफलर को भी अस्पतालों द्वारा माना नहीं जाता है. जिसके संबंध में प्रभारी अधिकारी द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि जो भी टेम्प आईडी के रेफलर कमाण्ड सेंटर के द्वारा अस्पतालों को भेजे जाएंगे. उनका भी भुगतान विभाग द्वारा सुनिश्चित कराया जाए. ताकि हास्पिटल टेम्प आईडी वाले कोविड रोगियों को भर्ती करने में समस्या न करे.

सीएमओ कार्यालय में कर सकते हैं भुगतान की मांग
प्रभारी अधिकारी द्वारा बताया गया कि जनपद के 14 शासकीय अस्पताल और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को कमाण्ड सेंटर द्वारा भर्ती कराए गए रोगियों के उपचार के लिए विभाग द्वारा भुगतान किया जाता है. उन्होंने बताया कि जिन अस्पतालों द्वारा भुगतान के लिए मांग नहीं की गई है. वह CMO कार्यालय में भुगतान के लिए मांग कर सकते हैं. परन्तु कमाण्ड सेंटर के माध्यम से भर्ती कराए गए रोगियों से उपचार के लिए कोई भी मांग नहीं कर सकते. यदि ऐसा प्रतीत होता है कि अस्पतालों द्वारा रेफलर वाले मरीजों से उपचार के लिए पैसा वसूला जा रहा है तो उस अस्पताल के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

प्रभारी अधिकारी ने बताया गया कि सभी हास्पिटल पोर्टल पर आइसोलेशन, ऑक्सीजनयुक्त आइसोलेशन, एचडीयू व आईसीयू कैटेगरी के अनुसार बेड का विवरण दर्ज करना सुनिश्चित करेंगे.

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