लखनऊ: जिले के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पुणे और मुंबई से गुरूवार को शाम में आए यात्रियों ने बताया कि लखनऊ एयरपोर्ट पर करोना से संबंधित किसी भी प्रकार की जांच नहीं की जा रही है. हालांकि सभी यात्री मास्क लगाए हुए नजर आए.
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यात्रियों ने की शिकायत
भारत के कई राज्यों में करोना के बढ़ते मामलों को लेकर राजधानी लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश ने रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन व हवाई अड्डे पर बाहर से आने वाले सभी यात्रियों की करोना जांच व कांट्रैक्ट ट्रेसिंग कराए जाने के निर्देश दिए हैं. करोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए डीजीसीए ने भी हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. जिसमें मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है. मास्क ना पहनने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.
नहीं की जा रही है करोना की जांच
राजधानी लखनऊ के अदानी लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अन्य शहरों से आने वाली उड़ानों के यात्री मास्क पहने नजर आए. करोना जांच के नाम पर terminal-2 के बाहर न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक का एक केबिन खड़ा नजर आया. लेकिन केबिन के अंदर ना तो कोई कर्मी मौजूद था ना ही एयरपोर्ट बिल्डिंग के अंदर यात्रियों की करोना को लेकर कोई जांच की जा रही है. नाम ना छापने की शर्त पर पुणे और मुंबई से आए कई यात्रियों ने बताया कि लखनऊ एयरपोर्ट पर करोना जांच के नाम पर कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है.
इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जांच के नाम पर वसूले जा रहे हैं 900 रुपये
इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विदेश से आए हुए व्यक्तियों की न्यू वर्ग डायग्नोस्टिक नाम की प्राइवेट संस्था 'करुणा' जांच कर रही है. 'करुणा' जांच के नाम पर प्रति यात्री से 900 रुपये ले रही है. जिसका यात्रियों ने कई बार विरोध भी किया है. डीएम अभिषेक प्रकाश ने प्राइवेट एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जांच के लिए निर्धारित शुल्क 600 रुपये से अधिक लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, लेकिन अदानी लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर डीएम के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
प्राइवेट होने से हो रहा नुकसान
लखनऊ एयरपोर्ट की कमान अडानी ग्रुप में आने के बाद यात्रियों को कुछ अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं. वहीं करोना जांच के नाम पर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 900 रुपये भी वसूले जाने की शिकायत यात्रियों द्वारा लगातार की जा रही हैं. यात्रियों का कहना है कि जब तक एयरपोर्ट अथॉरिटी लखनऊ एयरपोर्ट का संचालन कर रही थी. तब तक करोना जांच के नाम पर एक भी रुपये यात्रियों से नहीं लिए जा रहे थे. वहीं प्राइवेट हाथों में जाने का दुष्परिणाम लखनऊ एयरपोर्ट पर देखने को मिल रहा है.