लखनऊ: जिले के हसनगंज क्षेत्र स्थित वार्ड 51 के कदम रसूल वार्ड के लोग पिछले 20 सालों से मूलभूत सेवाओं से वंचित हैं. स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले 20 सालों से यहां पर विकास के नाम पर कोई भी कार्य नहीं हुआ है. क्षेत्रीय लोग कई बार क्षेत्रीय पार्षद सगीर अहमद और विधायक के पास अपनी शिकायत को लेकर जा चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई भी सुनवाई नहीं हुई है. इलाके के लोगों का आरोप है कि वह अपनी शिकायत को लेकर जब भी पार्षद के पास गए हैं तो पार्षद का कहना है कि आपके क्षेत्र से उनको वोट नहीं मिला है. इस वजह से क्षेत्रीय लोगों की बातें नहीं सुनते हैं और आश्वासन देकर वहां से वापस भेज देते हैं. लोगों ने बताया कि वह पिछले 15 साल से पार्षद हैं, लेकिन क्षेत्र में विकास के नाम पर कोई भी कार्य नहीं किया है.
लखनऊ: हसनगंज के वार्ड 51 में पिछले 20 सालों से नहीं हुआ कोई विकास कार्य - development has not been done in hasanganj area for 20 years
राजधानी लखनऊ के हसनगंज क्षेत्र स्थित वार्ड 51 के कदम रसूल वार्ड के लोग पिछले 20 सालों से मूलभूत सेवाओं से वंचित हैं. लोगों का कहना है कि क्षेत्र में बहुत गंदगी है. वहां विकास के नाम पर कोई भी कार्य नहीं हुआ है. लोगों ने बताया कि क्षेत्रीय पार्षद ने पिछले 15 सालों में विकास के नाम पर कोई भी कार्य नहीं किया है.
पवित्र स्थान होने के बाद भी नहीं है सफाई
क्षेत्र की रहने वाली किश्वर जहां ने क्षेत्र की समस्या को लेकर बताया कि इस वार्ड में ना तो पीने की पानी की कोई व्यवस्था है और न ही कोई अभी तक रोड का बनवाने का कार्य हुआ है. जो कच्ची रोड बनी हुई है वहां पर गंदगी और कूड़े का अंबार लगा हुआ है और लोगों को उसी कूड़े और गंदगी से होकर गुजरना पड़ता है. उन्होंने बताया कि यहां पर नसीरुद्दीन हैदर कर्बला है. यहां पर लोग हर वर्ष ताजिए भी रखते हैं. यह एक पवित्र स्थान है, उसके बावजूद भी सफाई को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है. उन्होंने बताया कि कई बार यहां के लोग नगर निगम भी जा चुके हैं ,लेकिन कोई भी अधिकारी यह देखने नहीं आया है.
समस्याओं को लेकर क्षेत्रीय लोग परेशान
क्षेत्रीय निवासी गुड्डन का कहना है कि यहां पर पीने के पानी की भी पिछले कई सालों से समस्या है. लोगों ने आपस में पैसे इकट्ठे करके एक पानी की टंकी लगवाई है, जिसके माध्यम से करीब 200 लोग पानी पीते हैं. लेकिन किसी दिन अगर बिजली नहीं आती है तो लोगों को पीने का पानी मिलना भी मुश्किल हो जाता है. लोगों को 1-2 किलोमीटर दूर स्टेशन से पानी भरकर लाना पड़ता है. इन्होंने बताया कि कच्ची रोड पर भी काफी ज्यादा मात्रा में कूड़े का ढेर लगा हुआ है. गंदगी या कोई अन्य जानवर इलाके में न आने पाए इसको लेकर क्षेत्र के लोगों ने एक लोहे का गेट भी लगवा रखा है. बारिश के मौसम में इतना पानी भर जाता है कि लोगों को करीब 2 से 3 किमी. घूमकर आना पड़ता है. इन सब समस्याओं को लेकर क्षेत्रीय लोग काफी परेशान हो चुके हैं.