लखनऊ: उत्तर प्रदेश में डीएलएड-2019 बैच के करीब 1.70 लाख छात्र-छात्राएं हैं. इनका तीसरा सेमेस्टर फरवरी में पूरा हो चुका है. पहले इनकी परीक्षा कराने में लापरवाही की गई और अप्रैल के बाद तो कोरोना का बहाना ही मिल गया. अब करीब 3 महीने से ज्यादा का समय गुजर चुका है. बावजूद आज तक परीक्षा नियामक प्राधिकारी इन छात्रों की परीक्षाओं के संबंध में कोई फैसला नहीं ले पाया.
छात्रों की ओर से बार-बार प्रथम सेमेस्टर की तरह ही तीसरे सेमेस्टर में भी प्रमोट किये जाने की मांग उठाई जा रही है, लेकिन परीक्षा नियामक प्राधिकारी के नाकाम अधिकारी अभी तक कोई फैसला नहीं ले पा रहे. सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि इस संबंध में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है. हम दूसरे विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थाओं का इंतजार कर रहे हैं. बाद में स्थिति का जायजा लेकर इस पर फैसला होगा.
छात्रों के भविष्य से कर रहे खिलवाड़
डीएलएड के तीसरे सेमेस्टर की पढ़ाई 6 फरवरी को पूरी हो चुकी है. चौथे सेमेस्टर की पढ़ाई चल रही है. ऐसे में जिम्मेदारों को फरवरी के अंत या मार्च में परीक्षाएं करा लेनी थी. जानकारों की माने तो पहले अधिकारी यूपी बोर्ड की परीक्षा के बाद इस परीक्षा को कराने की बात कहते रहे, लेकिन आज तक कोई फैसला नहीं कर पाए हैं. छात्र- छात्राओं का कहना है कि अगस्त में उनके चौथे सेमेस्टर की पढ़ाई भी पूरी हो जाएगी. अगर यही परिस्थितियां बनी रही और परीक्षाएं नहीं कराई गईं तो उनका बहुत समय बर्बाद हो जाएगा. यह सीधे-सीधे छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ है.
इसे भी पढ़ें:-आधी रात को फिर चली योगी सरकार की तबादला एक्सप्रेस, कई IAS अधिकारियों का ट्रांसफर
जब यूपी बोर्ड ने रद्द कर दी परीक्षा तो काहे का इंतजार
परीक्षा जैसे अहम मुद्दे पर शून्यता की स्थिति से जिम्मेदारों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि सीबीएससी पहले ही अपनी 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर चुका है. यूपी बोर्ड की परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई हैं. इन सभी स्थितियों के बावजूद परीक्षा नियामक प्राधिकारी अभी तक इस संबंध में कोई फैसला नहीं ले पा रहे हैं.