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लखनऊ: अक्टूबर में नहीं मिली एक भी गलत ई-चालान की शिकायत - गलत ई-चालान की समस्या

राजधानी लखनऊ में ई-चालान में हो रही गलतियों को ट्रैफिक विभाग ने दुरूस्त कर दिया है. एडीसीपी पूर्णेन्दु सिंह ने बताया अक्टूबर में अब तक एक भी गलत ई-चालान की शिकायत नहीं मिली है.

जून महीने में लखनऊ पुलिस ने ट्रैफिक व्यवस्था को मैनेज करने के उद्देश्य से सौ प्रतिशत ई-चालान की व्यवस्था शुरू की थी.
जून महीने में लखनऊ पुलिस ने ट्रैफिक व्यवस्था को मैनेज करने के उद्देश्य से सौ प्रतिशत ई-चालान की व्यवस्था शुरू की थी.

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Published : Oct 28, 2020, 12:14 PM IST

लखनऊ: राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करने के लिए लखनऊ पुलिस लगातार प्रयास कर रही है. ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर किया जा सके, इसके लिए इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) लागू किया गया है. चालान करने के लिए 'ई चालान एप' की मदद ली जा रही है, जिससे ट्रैफिक वायलेशन करने वालों का ई-चालान आसानी से किया जा सके.

बीते दिनों ई-चालान को लेकर बड़े पैमाने पर शिकायतें मिल रही थीं. कहीं पर चार पहिया गाड़ी का हेलमेट का चालान हो रहा था, तो कहीं दो पहिया गाड़ी के सीट बेल्ट का ई चालान हो रहा था. हालांकि ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों का कहना है कि e-challan में हो रही गड़बड़ियों में पूरी तरह से सुधार कर लिया गया है. अक्टूबर में अभी तक एक भी गलत ई-चालान की शिकायत नहीं मिली है.

जून में लखनऊ पुलिस ने ट्रैफिक व्यवस्था मैनेज करने के उद्देश्य से 100 प्रतिशत ई-चालान की व्यवस्था शुरू की थी.
जून में शुरू हुआ था 100% ई-चालान
जून में लखनऊ पुलिस ने ट्रैफिक व्यवस्था को मैनेज करने के उद्देश्य से 100 प्रतिशत ई-चालान की व्यवस्था शुरू की थी. इस ई-चालान व्यवस्था से खुद ट्रैफिक पुलिस को ही दिक्कतों का सामना करना पड़ा. ई-चालान करने में कई बार गलत चालान हो गए. आलम यह रहा कि एक महीने में लगभग 100 गलत चालान की शिकायतें ट्रैफिक विभाग को मिलने लगीं.

अधिकारियों का कहना है कि गलत ई-चालान को लेकर जहां एक ओर सुधारात्मक कार्रवाई की गई. वहीं इस ओर भी प्रयास किए गए कि गलत ई-चालाना न हो. इसको लेकर बीते दिनों पुलिस कर्मचारियों की ट्रेनिंग कराई गई, जिसका फायदा मिला और अब गलत ई चालान की शिकायतें नहीं मिल रही हैं. एडीसीपी पूर्णेन्दु सिंह ने बताया अक्टूबर में अब तक एक भी गलत ई-चालान की शिकायत नहीं मिली है.

कर्मचारियों की कराई गई ट्रेनिंग
ई-चालान करने के लिए ट्रैफिक कर्मचारियों को एक एप उपलब्ध कराया गया, जिसकी मदद से ई-चालान काटे जा रहे हैं. ट्रैफिक कर्मचारियों के साथ-साथ 700 सब इंस्पेक्टरों को भी ई-चालान करने के लिए ऐप उपलब्ध कराया गया, लेकिन पुलिस कर्मचारियों की ट्रेनिंग न होने के चलते ई-चालान करने में गलतियां हुईं. बीते दिनों लखनऊ पुलिस ने सात-सात दिनों के दो सत्रों में पुलिस कर्मचारियों की ट्रेनिंग कराई. इसके बाद अब गलत ई-चालान को लेकर शिकायतें नहीं मिल रही हैं.

जानकारी देते एडीसीपी
गलत चालान होने पर ऐसे कराएं सही
एडीसीपी पूर्णेन्दु ने बताया कि हम एक ऐप की मदद से ई चालान करते हैं. कई बार ऐप पर जानकारियां भरते हुए कर्मचारियों से त्रुटि होती है, जिसके चलते गलत ई चालान होते हैं. गलत ई चालान होने पर वाहन स्वामी विभाग द्वारा जारी किए गए फोन नंबर 9454405155 पर फोन कर अपने गलत ई चालान के बारे में जानकारी उपलब्ध करा सकते हैं. गलत ई चालान की स्थिति में विभाग की मेल आईडी- dcptlko@gmail.com पर जानकारी उपलब्ध करा सकते हैं, जिसके बाद एसीपी स्तर के अधिकारी द्वारा जांच की जाएगी कि ई-चालान गलत हुआ है या सही. चालान गलत पाने की स्थिति में चालान निरस्तीकरण किया जाएगा.


तीन महीने में मिली थी 300 शिकायतें
एडीसीपी ट्रैफिक पूर्णेन्दु सिंह ने बताया कि पिछले 3 महीने में लगभग 300 गलत ई-चालान के संदर्भ में जानकारी मिली थी. वहीं सितंबर की शुरुआत में भी कई दर्जन शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद सत्र चलाकर चालान करने वाले कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई.

जानें क्या थी गलतियों की वजह
एडीसीपी पूर्णेन्दु सिंह ने बताया कि ऐप में ट्रैफिक वायलेशन के संदर्भ में ऑप्शन सेलेक्ट कर फीड करना होता है. कर्मचारी द्वारा ऑप्शन फीड करते समय और वाहन के फोटो खींचकर ऐप में अपलोड किए जाते हैं. वाहन की नंबर प्लेट पर दर्ज रजिस्ट्रेशन नंबर को भी ऐप में फीड किया जाता है. कई बार नंबर प्लेट पर अंकित नंबर को पढ़ने, उसे ऐप में भरते समय कर्मी से गलतियां हो जाती हैं, जिससे गलत ई-चालान हो जाता है.

वहीं कई बार नंबर सही भरने पर वायलेशन ऑप्शन चुनने में कर्मचारी से गलती होती है. ऐप में सभी ट्रैफिक वायलेशन के लिए ऑप्शन दिया गया है. पुलिसकर्मी द्वारा सूचनाएं भरते समय गलत ऑप्शन सेलेक्ट हो जाने से गलत ई चालान होते हैं. इस तरह की गलतियां न हों इस बात के लिए विभाग लगातार प्रयास कर रहा है, जिसके लिए कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है.

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