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स्थाई शेल्टर होम्स में बेहतर व्यवस्थाएं, फिर भी सड़कों पर सो रहे जरूरतमंद - people are not taking advantage of shelter home in lucknow

लखनऊ में मजदूरों को ठंड से बचाने के लिए 23 स्थाई शेल्टर होम बनाए गये हैं. इसके बावजूद कई लोग ठंड में भी खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं. राजधानी में बने शेल्टर होम्स का ईटीवी भारत ने जायजा लिया.

shelter homes in lucknow
शेल्टर होम खाली, फिर भी खुले में लेटने को मजबूर

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Published : Nov 28, 2020, 3:29 PM IST

Updated : Nov 28, 2020, 4:47 PM IST

लखनऊः दिहाड़ी मजदूरों को ठंड से बचाने के लिए शेल्टर होम बनाए जाते हैं. नगर निगम कई जगहों पर जरूरतमंदों को रोकने के लिए स्थाई शेल्टर होम बनाने की तैयारी भी कर रहा है. राजधानी में नगर निगम ने पहले से ही 21 स्थानों पर 23 शेल्टर होम बना रखे हैं. यह सभी शेल्टर होम स्थाई हैं. स्थाई शेल्टर होम में बेहतर सुविधाएं दे रहा नगर निगम ठंड के मौसम में जरूरतमंदों को नगर निगम शेल्टर होम की सुविधाएं उपलब्ध कराता है.

राजधानी में खुले में सोने को मजबूर.

शेल्टर होम्स का ईटीवी भारत ने किया रियल्टी चेक

नगर निगम द्वारा शेल्टर होम्स में दी जा रही सुविधाओं का ईटीवी भारत ने रियलिटी चेक किया. ईटीवी भारत की टीम ने स्थाई शेल्टर होम पहुंच कर वहां के लोगों से बातचीत की. रजधानी में मौजूद स्थाई शेल्टर होम में नगर निगम ने गरीब और जरूरतमंदों के लिए बेहतर व्यवस्था कर रखी है. यहां पर जरूरतमंदों के सोने के लिए फोल्डिंग, गद्दे, कंबल मौजूद हैं. साथ ही शेल्टर होम में मुफ्त में खाना भी उपलब्ध कराया जाता है. इन गरीबों को ठंड से बचाने के लिए शेल्टर होम में गीजर की भी व्यवस्था की गई है.

शेल्टर होम्स का जरूरतमंद नहीं उठा पा रहे फायदा

जागरूकता की कमी के चलते जरूरतमंदों को शेल्टर होम्स का फायदा नहीं मिल पा रहा है. राजधानी में बने स्थाई शेल्टर होम में 500 लोगों की रहने की क्षमता है. इसके बावजूद भी इन शेल्टर होम में सिर्फ तीन सौ लोग ही सुविधा प्राप्त कर पा रहे हैं. ऐसा नहीं है कि राजधानी लखनऊ में और ऐसे लोग नहीं हैं, जिन्हें इन सुविधाओं की आवश्यकता नहीं है. लेकिन जागरूकता की कमी के चलते लोग नगर निगम द्वारा उपलब्ध कराई जा रही इस सुविधा का लाभ नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं. जिसके पीछे नगर निगम ही जिम्मेदार है. अगर लोगों में शेल्टर होम के प्रति जागरूकता होती, तो वह जरूर शेल्टर होम का फायदा उठाते.

राजधानी में खुले में सोने को मजबूर

शेल्टर होम रहकर लोग करा रहे अपना इलाज

स्थाई शेल्टर होम में सिर्फ लोगों को रहने और खाने की सुविधा ही नहीं उपलब्ध कराई जा रही है. यहां पर लोग रहकर अपना इलाज भी करा रहे हैं. जियामऊ स्थित शेल्टर होम में रहकर अपनी मां का इलाज करा रही चंदा बाजपेई ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि उनकी मां पिछले लंबे समय से शेल्टर होम में रह रही हैं और यहीं से उनका कैंसर का इलाज चल रहा है. शेल्टर होम में उन्हें खाने-पीने रहने की सुविधा के साथ इलाज में मदद भी मिलती है.

कुछ लोगों के लिए शेल्टर होम ही है आशियाना

ऐसे लोग जो इस दुनिया में अकेले हैं और शहर में उनका कोई ठिकाना नहीं है. उनके लिए यह शेल्टर होम वरदान साबित हो रहे हैं. शेल्टर होम में रहने वाले राजीव कुमार ने बताया कि यहां पर उन्हें बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं. समय पर खाना मिल जाता है. रहने के लिए शेल्टर होम है. जहां पर रजाई, गद्दे उपलब्ध कराए गए हैं. ऐसे में आराम से यहां पर रहते हैं.

'लोगों को सुविधा उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता'

अपर नगर आयुक्त अमित कुमार ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि ठंड के मौसम में हम राजधानी लखनऊ के प्रमुख चौराहों पर अस्थाई शेल्टर होम की व्यवस्था करते हैं. जिसके लिए काम शुरू कर दिया गया. वहीं दूसरी ओर हर महीने ऐसे लोगों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राजधानी के 21 स्थानों पर 23 शेल्टर होम बनाए गए हैं. महिलाओं के लिए अलग से शेल्टर होम की व्यवस्था की गई है. स्थाई शेल्टर होम में रहने और खाने की सुविधा के साथ लोगों के लिए आधारभूत जरूरतों को भी पूरा किया जाता है.

Last Updated : Nov 28, 2020, 4:47 PM IST

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