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लखनऊ: कुंभ आयोजन की नीति आयोग ने की सराहना, भीड़ प्रबंधन और स्वच्छता का दिया सर्वश्रेष्ठ उदाहरण

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित हुए कुंभ मेले पर नीति आयोग ने रिपोर्ट जारी कर योगी सरकार की सराहना की है. नीति आयोग ने कहा कि कुंभ मेले में श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाओं का न केवल प्रबंध किया गया, बल्कि साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखा गया.

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नीति आयोग ने योगी आदित्यनाथ के कार्यो की सराहना

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Published : Nov 29, 2019, 5:17 PM IST

लखनऊ:प्रयागराज के भव्य और दिव्य कुंभ पर नीति आयोग ने रिपोर्ट जारी कर योगी सरकार के कुशल प्रबंधन की सराहना की है. नीति आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर कुंभ मेला 15 जनवरी से 4 मार्च 2019 तक आयोजित किया गया था. इसमें करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ का बेहतर तरीके से न केवल प्रबंधन किया गया, बल्कि स्वच्छता का पूरा ध्यान भी रखा गया.

योगी सरकार ने प्रयागराज में संस्थागत व्यवस्था, शहर में बुनियादी ढांचे का निर्माण, मेला क्षेत्र में अस्थायी शहर का विकास, टेक्नोलॉजी के माध्यम से कुशल यातायात प्रबंधन, आपदा प्रबंधन सहित हर पहलू पर ध्यान रखा गया. श्रद्धालुओं की सुविधाओं के साथ उनके प्रबंधन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का उपयोग किया गया.

नीति आयोग ने सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यों की सराहना की.

कुंभ को बनाया गया था भव्य कुंभ
कुंभ 2019 की योजना 2017 में ही शुरू कर दी गई थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुंभ मेले को दिव्य कुंभ और भव्य कुंभ में बदलने की अवधारणा तैयार की थी. प्रयागराज में 3200 हेक्टेयर जमीन में अस्थायी शहर बसाया गया था. कुंभ के दौरान 5000 से अधिक धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने अपने शिविर लगाए थे.

इसे ऐतिहासिक बनाने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्थायी और अस्थायी दोनों तरह के बुनियादी ढांचे के विकास का काम किया गया था. इसके लिए उत्तर प्रदेश प्रयागराज मेला प्राधिकरण बनाया गया और अधिनियम 2017 को 30 नवंबर 2017 को लागू किया गया. कुंभ मेला में प्राधिकरण में केंद्र सरकार के पांच विभाग और राज्य सरकार के 28 विभागों का समन्वय रहा.

सारी सुविधाएं कराई गई थीं उपलब्ध
3200 हेक्टेयर में फैले अस्थायी शहर को 20 सेक्टर में विभाजित किया गया था. सभी प्रमुख बुनियादी सुविधाएं जैसे बिजली, पानी और स्वच्छता की सुविधा, अखाड़ों के अस्थायी निवास, सार्वजनिक आवास, दुकानें, 70 फूड कोर्ट्स और बेन्डिंग जोन, बैंक की शाखाएं एवं एटीएम मशीन, पार्किंग स्थल, परिवहन की सुविधा, 40 पुलिस बूथ एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध थीं.

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बनाए गए थे 5 घाट
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने मेला क्षेत्र में पांच घाट बनाए गए थे, जो पहली बार प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में बड़ी यात्राओं और मोटर नौकाओं के संचालन की सुविधा प्रदान कर रहे थे. हर 200 मीटर पर 1.2 लाख से अधिक शौचालय बनाए गए थे. इसके साथ ही योजनाबद्ध तरीके से बिजली, पानी की आपूर्ति और अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था स्थापित की गई थी. कुंभ मेले के इतिहास में एक नया अध्याय है. प्रतिदिन पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए मेला क्षेत्र में वाटर एटीएम, स्टैंड पोस्ट और हैंडपंप स्थापित किए गए थे.

बनाए गए थे भव्य पंडाल
मेला क्षेत्र में 488 किलोमीटर सड़कों के निर्माण के लिए 1.7 लाख चेकर प्लेटो का उपयोग किया गया था. नदी के पार 22 पीपे वाले पुलों के निर्माण के लिए दो हजार से अधिक दीपों का उपयोग किया गया था. कुंभ मेला 2019 को धार्मिक पहलू के अलावा एक प्रमुख सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम के रूप में मार्केटिंग की गई थी. 10 हजार वर्ग फुट में पांच कन्वेंशन सेंटर बनाए गए थे. 32 हजार वर्ग फुट में गंगा पंडाल, एक हजार वर्ग फुट के प्रवचन पंडाल और एक व्याख्या केंद्र में 200 से अधिक सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों के लिए योजना बनाई गई थी. आगंतुकों के लिए धार्मिक धरोहर और खानपान की अच्छी व्यवस्था की गई थी, जो लंबे समय तक उनके लिए यादगार का अनुभव रहा.

सुरक्षा के किए गए थे कड़े इंतजाम
स्वच्छ भारत मिशन के तहत 1500 से अधिक स्वच्छग्रहियों और पेड वालंटियर को लगाया गया था, जो लोगों को शौचालय इस्तेमाल करने और मेला क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखने के लिए जागरूक कर रहे थे. इसके अलावा एमसीजी के एक हजार से अधिक गंगा प्रहरी और गंगा टास्क फोर्स के स्वयंसेवक पैदल सैनिकों के रूप में लगे हुए थे. कुंभ विशिष्ट क्षेत्र और समग्र शहर की निगरानी के लिए दो अत्याधुनिक कमान और नियंत्रण बनाए केंद्र बनाए गए थे. इसमें 120 कुंभ मेला देखने वाले ऑपरेटर कॉल सेंटर ऑपरेटर और 20 वीडियो वाल क्यूब्स के साथ अत्याधुनिक डैशबोर्ड शामिल थे.

उपलब्ध कराए गए थे यातायात के साधन
राज्य सरकार ने पहली बार मेला क्षेत्र को जोड़ने वाले 64 से अधिक ट्रैफिक क्रॉसिंग और 174 सड़कों को ठीक करने के अलावा उनका चौड़ीकरण किया. मेला देखने आए श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए यूपी स्टेट ब्रिज कॉरपोरेशन ने 12 महीने से कम के रिकॉर्ड समय में 9 ओवर ब्रिज (आरओबी) का निर्माण किया गया था. इसके अलावा शहर में घनी आबादी वाले क्षेत्रों में 6 रेलवे अंडरपास को चार लेन तक चौड़ा किया गया. इससे प्रयागराज के नागरिकों के लिए शहर के यातायात की आवाजाही सुचारू हो पाई.

कुंभ के प्रमुख दिनों के दौरान सुगम यातायात सुनिश्चित करने के लिए 1253 हेक्टेयर के कुल क्षेत्रफल के साथ 95 पार्किंग स्थल 5 लाख 63 हजार वाहनों की संयुक्त क्षमता के साथ बनाया गया था. शहर के साथ-साथ मेला क्षेत्र में भीड़भाड़ को रोकने के लिए एक से 5 किलोमीटर के स्नान क्षेत्रों के भीतर 20 प्रमुख पार्किंग स्लॉट स्थापित किए गए थे. सेटेलाइट पार्किंग स्लॉट में क्लॉक रूम जैसी सुविधाएं, रैन बसेरा, ट्रेन की सुविधा, प्राथमिक चिकित्सा, पुलिस सहायता बूथ और आवश्यक वस्तुओं के लिए दुकानें थी. मेले के दौरान शहर में 500 बसें और मेला क्षेत्र में 500 ई रिक्शा चलाए गए थे. पार्किंग स्थल को ध्यान में रखकर यातायात के मूवमेंट के लिए एक व्यापक योजना बनाई गई थी.

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