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NIPUN Assessment Test : प्रदेश में कक्षा एक से तीन तक के 27.4% बच्चे पढ़ाई में फिसड्डी, अब प्रिंसपल को करना होगा ऐसा काम

बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से प्राथमिक उच्च प्राथमिक व कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की शैक्षिक परख के लिए आयोजित निपुण एसेसमेंट टेस्ट में कक्षा एक से तीन तक के 27.4% बच्चे पढ़ाई में काफी कमजोर मिले हैं. इसके बाद महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने संबंधित प्रिंसपल के लिए कड़े दिशा निर्देश जारी किए हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 31, 2023, 11:52 AM IST

लखनऊ :बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित होने वाले प्राथमिक उच्च प्राथमिक व कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के शिक्षा स्तर को रखने के लिए निपुण एसेसमेंट टेस्ट का परिणाम विभाग की ओर से सोमवार को जारी कर दिया गया. विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट में प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा 1 से 3 में पढ़ने वाले करीब 27.4% छात्र पढ़ाई में कमजोर पाए गए हैं. कक्षा चार से आठ तक के करीब 29 प्रतिशत बच्चों का शिक्षा का स्तर गुणवत्तापूर्ण नहीं मिला है. विभाग के निपुण एसेसमेंट टेस्ट में कक्षा 1 से 3 तक के 72.6 फ़ीसदी बच्चों को ए प्लस ए वह भी श्रेणी में निपुण पाए गए हैं. कक्षा चार से आठ तक के 70.99% बच्चे पढ़ाई में निपुण पाए गए हैं. जो बच्चे इस एसेसमेंट टेस्ट में कमजोर मिले हैं. उनकी पढ़ाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश महानिदेशक स्कूल शिक्षा की ओर से सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों व कस्तूरबा गांधी के प्रधानाचार्य को दिए गए हैं.

महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने सभी जिला अधिकारियों व मुख्य विकास अधिकारियों को पत्र जारी करके बेसिक शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर टेस्ट का परिणाम जनपदवार, विकासखंड व विद्यालय व उपलब्ध करा दिया है. उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को अपने जिले के परिणाम को डाउनलोड कर उसके अनुसार सुधारात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. विभाग की ओर से जारी निपुण एसेसमेंट टेस्ट के परिणाम ए प्लस, ए, बी, सी, डी और ई कैटेगरी में जारी किया गया है. रिपोर्ट में ए प्लस ए व बी श्रेणी में आए छात्रों के शिक्षा के स्तर को बेहतर माना गया है. रिपोर्ट में कक्षा 1 से 3 तक के 72.6 प्रतिशत बच्चे ए प्लस, ए व बी श्रेणी में आए हैं. इसी तरह कक्षा 4 से 8 तक के 70.99% बच्चे ए प्लस, ए व बी श्रेणी में आए है. इसी कैटेगरी में सी, डी और ई श्रेणी में 29.01 फ़ीसदी बच्चे हैं.


विभाग की तरफ से कक्षा 1 से 3 तक के सी, डी और ई श्रेणी में आए बच्चों को भाषा एवं गणित विषय के लिए दैनिक व साप्ताहिक शिक्षण योजना को अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश दिए. इसी तरह कक्षा चार व पांच के बच्चे जो सी, डी और ई श्रेणी में आए हैं उनके लिए विकसित भाषा एवं गणित की बेसिक व एडवांस स्तर की शिक्षा में सुधार करने को कहा गया है. कक्षा 6 और 8 के लिए विकसित संदर्शिका के सहयोग से प्रभावित कक्षा शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा महानिदेशक ने राज्य परियोजना कार्यालय को आदेश दिया है कि दिसंबर 2023 तक प्रत्येक एआरपी को 10 विद्यालय तथा एसआरजी तथा शिक्षक संकुल को अपने विद्यालय को निपुण विद्यालय बनाने का लक्ष्य निर्धारित करें.

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