लखनऊ: जाली मुद्रा सप्लाई गिरोह का सक्रिय सदस्य तौसीफ गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश में बीते कुछ वर्षों से जाली नोटों की सप्लाई हो रही है, जिसकी रोकथाम के लिए जांच एजेंसी सक्रिय है. इसी क्रम में जाली नोटों के गिरोह के सक्रिय सदस्य तौसीफ को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया है.
लखनऊ:उत्तर प्रदेश में सप्लाई होने वाली जाली नोटों के गिरोह के सक्रिय सदस्य तौसीफ को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया है. तौसीफ जाली नोटों की सप्लाई करने वाले गिरोह का सक्रिय सदस्य बताया जा रहा है. यूपी एटीएस और एनआईए को वर्ष 2019 से तौसीफ की तलाश थी.
अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार विदेशों से जाली नोटों को उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में सप्लाई करने में तौसीफ की अहम भूमिका रही है. यह विदेशों से आने वाली जाली मुद्रा को उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में सप्लाई किया करता था. अब जब एनआईए ने तौसीफ को गिरफ्तार किया है तो तौसीफ से जाली नोटों की सप्लाई करने वाले सिंडिकेट के कई सदस्यों के बारे में जानकारी मिलने की उम्मीद है. आने वाले दिनों में जाली नोटों की सप्लाई करने वाले कई अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है.
उत्तर प्रदेश में जाली नोटों की सप्लाई करने वाले गिरोह को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है. 11 सितंबर 2019 को एटीएस ने कार्रवाई करते हुए गाजियाबाद से जाली नोटों की सप्लाई करने वाले एक आरोपी मोहम्मद मुराद को गिरफ्तार किया था, जिससे पूछताछ में तौसीफ के बारे में जानकारी मिली थी. एटीएस की पूछताछ में मुराद ने बताया था कि वह तौसीफ को जाली नोटों की सप्लाई करता है. मुराद के पास से एटीएस ने ढाई लाख रुपये की जाली नोट बरामद की थी.
जानकारी के अनुसार नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान के रास्ते जाली नोट उत्तर प्रदेश में पहुंचाई जाती हैं. इसे उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में सिंडिकेट के सक्रिय सदस्यों की मदद से लोगों तक पहुंचाया जाता है. इसके बाद इन नोटों को मार्केट में सर्कुलेट किया जाता है. बीते दिनों राजधानी लखनऊ में भी जाली नोटों से जुड़ा एक मामला सामने आया था, जिसके बाद बैंक मैनेजर ने चेस्ट में जाली नोटों उपलब्धता को लेकर महानगर थाने में एफआई आर दर्ज कराई.