लखनऊ: प्रदेश के 51 लाख से अधिक बुजुर्गों को इस बार वृद्धा पेंशन के लिए इंतजार करना पड़ेगा. राज्य सरकार ने भौतिक सत्यापन के बाद ही अब बुजुर्गों को पेंशन देने का निर्णय लिया है. सरकार का मानना है कि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और अपात्र लोगों की पेंशन रोकी जा सकेगी. समाज कल्याण विभाग ने इसके लिए कसरत शुरू कर दी है.
15 जून तक सत्यापन करने के निर्देश
समाज कल्याण निदेशालय ने इसके लिए सभी जिलों के डीएम को 15 जून तक सत्यापन कार्य पूरा कराने का निर्देश दिया है. वैरीफिकेशन के दौरान उन लोगों के नाम भी हटाए जाएंगे जिनकी मृत्यु हो गई है या फिर वे पेंशन के पात्र नहीं हैं. इस मशक्कत का लाभ उन बुजुर्गों को मिलेगा जो पेंशन योजना की प्रतीक्षा सूची में हैं. ऐसे में अप्रैल मई-जून की पेंशन इस माह के अंत तक अथवा जुलाई के प्रथम सप्ताह में ही बुजुर्गों के खाते में जा सकेगी.
500 रुपये प्रतिमाह मिलती है पेंशन
राज्य सरकार समाज कल्याण विभाग के जरिए 60 वर्ष की आयु पूरा कर चुके गरीब बुजुर्गों को किसान पेंशन योजना और वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 500 रुपये प्रति माह की पेंशन देती है. 3 माह की पेंशन एक साथ बुजुर्गों के खाते में भेजी जाती है. जिलाधिकारियों को 15 जून तक सत्यापन का डाटा अपलोड कराने को कहा गया है. यदि समय से यह कार्य पूरा हो गया तभी इस माह के अंत तक पेंशन बुजुर्गों के खाते में पहुंच सकेगी.