लखनऊ:गोमती नदी के किनारे लक्ष्मण टीला स्थित मस्जिद और लॉर्ड शेष नागेश टीलेश्वर महादेव मंदिर प्रकरण में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली सिविल निगरानी याचिका में लार्ड नागेश्वर टीलेश्वर महादेव विराजमान की ओर से अधिवक्ता शेखर निगम ने एक अर्जी दाखिल कर कहा है कि सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ने निगरानीकर्ता को पद से हटा दिया है. इसलिए निगरानी पोषणीय नहीं है. प्रभारी अपर सत्र न्यायाधीश मोहम्मद गजाली ने मामले को सुनवाई के लिए 16 जुलाई को संबंधित पीठासीन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किए जाने का निर्देश दिया है.
अदालत में अधिवक्ता शेखर निगम की ओर से दाखिल अर्जी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रोफेसर सैयद शफीक अहमद अशरफ द्वारा जारी पत्र को प्रस्तुत किया गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से निगरानीकर्ता मौलाना सैय्यद फजलुल मन्नान रहमानी को हटाए जाने की बात कही गई है. कहा गया है कि मुकदमे की पैरवी के लिए नियुक्त मौलाना सैय्यद फजलुल मन्नान को हटा दिया गया है. लिहाजा निगरानीकर्ता के अभाव में प्रस्तुत सिविल निगरानी पोषणीय नहीं है और उसे खारिज कर दिया जाए. इसके पूर्व गत 31 मई को अदालत ने विपक्षीगणों की उस अर्जी को निरस्त कर दिया था, जिसमें टीले वाली मस्जिद के अंदर का सर्वे कराए जाने की मांग निगरानी याचिका में की गई थी.
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