लखनऊ : जनता से जुड़े मुद्दे पर आमतौर से एक दूसरे से लड़ने मारने पर आतुर रहने वाले विधान परिषद के सदस्य बुधवार को अपने अधिकारों के लिए एक होते हुए नजर आए. प्रश्नकाल 12:00 बजे तक होता है, लेकिन 12:15 बजे तक विधान परिषद के सदस्यों को विधान सभा के सदस्यों की तरह समान भाव से देखे जाने को लेकर लंबी चर्चा होती रही. हर मुद्दे पर सभी सदस्य एकमत नजर आए. सदस्यों की मांग थी कि जिलों में जिस तरह का सम्मान विधानसभा के सदस्यों को मिलता है, वैसा विधान परिषद को नहीं मिलता है. विधान परिषद के सदस्यों के साथ में पक्षपात किया जाता है. त्वरित कार्यों के लिए उनको बजट उपलब्ध नहीं होता. जिला योजना समिति की बैठकों में उनके प्रस्तावों को अनुमोदन नहीं मिलता. इसके अलावा उनके निर्वाचन के जिलों में होने वाले विकास कार्यों की जिला पट्टी का ऊपर उनके नाम का उल्लेख भी नहीं किया जाता है.
इस मुद्दे पर सभी सदस्य एकमत रहे. जबकि सभापति के निर्देश पर नेता सदन उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि निश्चित तौर पर सदन की भावना को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाएगा. विधानसभा हो या विधान परिषद सभी सदस्यों को एक जैसा सम्मान मिले यह सुनिश्चित किया जाएगा. प्रश्नकाल में वाराणसी से समाजवादी पार्टी के एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री बताएंगे कि वाराणसी चंदौली गाजीपुर बलिया जौनपुर भदोही मिर्जापुर सोनभद्र जनपदों में जिला योजना समिति की आखिरी बैठक कब हुई. इसका जवाब नेता सदन उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दिया. यहां से विधान परिषद के सदस्यों के सम्मान का मुद्दा सदन में गूंजने लगा.