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ढिलाई के मूड में नहीं पाॅवर काॅरपोरेशन, हड़ताली कर्मचारियों का कटेगा वेतन और रोकी जाएगी पेंशन

उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन प्रबंधन के इतिहास में पहली बार धरना प्रदर्शन और हड़ताल कर्मचारियों का वेतन काटने और पेंशन रोकने की नौबत आ गई है. हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद सरकार कर्मचारियों पर एस्मा के तहत कड़ी कार्रवाई की मूड में है.

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Published : Mar 28, 2023, 3:52 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन प्रबंधन के इतिहास में पहली बार ऐसी कार्रवाई हो रही है जो आने वाले दिनों में धरना प्रदर्शन और हड़ताल करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए दिक्कतों का सबब बनेगी. वजह है कि हाल ही में 72 घंटे की हड़ताल करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों का एक माह का वेतन काटने और जो रिटायर हो चुके हैं उनकी पेंशन रोकने के आदेश हुए हैं. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. एक माह का वेतन काटने के आदेश से अधिकारियों और कर्मचारियों में नाराजगी है. साथ ही पेंशन रोके जाने से कर्मचारी नेता काफी खफा हैं. पाॅवर काॅरपोरेशन प्रबंधन बिल्कुल भी ढिलाई के मूड में नहीं है. ऐसे में इस बार हड़ताल और कार्य बहिष्कार करना बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर भारी पड़ गया है.

ढिलाई के मूड में नहीं पाॅवर काॅरपोरेशन, हड़ताली कर्मचारियों का कटेगा वेतन और रोकी जाएगी पेंशन . फाइल फोटो
बता दें, विभिन्न 14 सूत्री मांगों को लेकर पिछले दिनों विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में 19 अन्य संगठनों ने दो दिन का कार्य बहिष्कार और 72 घंटे की हड़ताल करने का एलान किया था. लगभग 65 घंटे तक हड़ताल की गई. इस कार्य बहिष्कार और हड़ताल में प्रदेश भर के हजारों कर्मचारी शामिल हुए थे. उत्तर प्रदेश में 6 माह तक हड़ताल नहीं करने के आदेश के बावजूद बिजलीकर्मियों के हड़ताल करने से नाराज सरकार ने एस्मा के तहत कई नेताओं पर मुकदमा दर्ज करा दिया. कार्रवाई की इस जद में कई अधिकारी और संविदा कर्मचारी आए. अधिकारियों के निलंबन के आदेश से लेकर संविदा कर्मचारियों की बर्खास्तगी तक की गई. प्रदेश भर में हजारों संविदा कर्मचारी सेवा से निकाले गए. वहीं संगठन के जो नेता बिजली विभाग में अधिकारी हैं उनको निलंबित कर तैनाती स्थान से बाहर भेजने के आदेश हुए.
ढिलाई के मूड में नहीं पाॅवर काॅरपोरेशन, हड़ताली कर्मचारियों का कटेगा वेतन और रोकी जाएगी पेंशन . फाइल फोटो

इसी मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाॅवर काॅरपोरेशन को आदेश दिया था कि हड़ताल में शामिल होने वाले अधिकारियों का वेतन क्यों न काटा जाए? हाईकोर्ट के आदेश के बाद पाॅवर काॅरपोरेशन ने भी किसी तरह की ढिलाई ना बरतते हुए 28 प्रमुख नेताओं का वेतन काटने और रिटायर हो चुके कर्मचारियों की पेंशन रोकने के आदेश दे दिए. कार्रवाई की जद में विभिन्न बिजलीघरों में तैनात लगभग छह दर्जन से अधिक बिजलीकर्मी नेताओं सहित विभिन्न संगठनों के तकरीबन 250 से ज्यादा इंजीनियरों और कर्मचारियों को सस्पेंड कर गैर परियोजना और जनपदों में भेजने की कार्रवाई भी कर दी गई है.

यूपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने निर्देश जारी किए हैं कि कार्य बहिष्कार से लेकर हड़ताल तक की अवधि की हाजिरी का स्वयं सत्यापन करके ईआरपी पर लोड करें. अगर काम नहीं किया है तो वेतन नहीं मिलेगा. पाॅवर काॅरपोरेशन की कार्रवाई की इस जद में प्रदेश भर के 20 हजार से भी ज्यादा इंजीनियर और कर्मचारी आ रहे हैं. यह सभी कार्य बहिष्कार और हड़ताल में शामिल हुए थे. प्रबंध निदेशक ने साफ तौर पर कहा है कि जितने दिन जिस अधिकारी या कर्मचारी ने काम नहीं किया होगा उसे वेतन नहीं मिलेगा.

पाॅवर काॅरपोरेशन प्रबंधन की तरफ से डीडीओ का काम देख रहे सभी अधिशासी अभियंताओं को निर्देश दिए गए हैं कि हड़ताल की अवधि में अनुपस्थित कर्मचारियों का डाटा तैयार किया जाए. अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों का वेतन काटा जाए. बगैर अवकाश स्वीकृत कराए अनुपस्थित रहने वाले इन कर्मचारियों को अब प्रबंधन के सख्त रवैए के बाद सर्विस ब्रेक होने जैसी स्थिति का भी सामना करना पड़ सकता है. उत्तर प्रदेश पाॅवर काॅरपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार का कहना है कि कार्य बहिष्कार और हड़ताल में शामिल होने वाले अभियंता और कर्मचारियों का डाटा तैयार किया जा रहा है. बिना बताए अवकाश पर जाने वाले ऐसे कर्मचारियों का भी वेतन काटा जाएगा. अभियंताओं का एक माह का वेतन कटेगाय वहीं रिटायर्ड कर्मचारियों और नेताओं के पेंशन की कटौती की जाएगी.

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