लखनऊ : उत्तर प्रदेश में इस साल नए जश्न में न ही शराब पीकर उपद्रव (drunken brawl) हुआ और न ही कोई बड़ा सड़क हादसा. इसके पीछे यूपी पुलिस का डर नहीं बल्कि उसका क्रिएटिव आइडिया काम आया. सोशल मीडिया में यूपी पुलिस ने अपने 7 ट्वीट के जरिए लोगों को शराब पीकर गाड़ी न चलाने व उपद्रव न करने की सलाह दी थी. जिसे लोगों ने जम कर सराहा और उसका पालन भी किया. लिहाजा सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी साल के अंतिम दिन के जश्न को शांति से निपटाने के लिए यूपी पुलिस की तारीफ कर डाली.
नए साल के जश्न में नहीं पड़ा कोई खलल, पुलिस के इस कदम की CM योगी ने की तारीफ - drunken brawl
कोरोना संक्रमण के चलते बीते दो साल से नए साल का जश्न काफी फीका रहता था. इस बार कोरोना संक्रमण का खतरा कम होने के चलते लोगों ने नए साल पर खूब धमाला मचाया. वहीं पुलिस की पुख्ता तैयारियों के अलावा सोशल मीडिया पर अपील के चलते यूपी में कोई बड़ा हादसा और उपद्रव भी नहीं हुआ.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने यूपी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को क्रिसमस और नव वर्ष पर प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद करने का निर्देश दिया था. इसके बाद यूपी पुलिस मुख्यालय से पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद करने के लिए पीएसी व पुलिस बल की तैनाती को लेकर प्रभावी कदम उठाए साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया, जिसका सफल परिणाम भी आया है.
यूपी पुलिस के ट्विटर हैंडल से नए साल जश्न ने पहले 7 वीडियो और बैनर पोस्ट किए गए थे. जिनमें अलग अलग कोट्स लिखे गए थे. इसकी शुरुआत सूबे के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार (ADG law and order Prashant Kumar) के वीडियो से हुई. जिसमें उन्होंने लोगों से जश्न को कानून के दायरे में मानने की अपील की थी. इसके बाद एक के बाद एक 7 ट्वीट भी किए गए. डीजीपी मुख्यालय सोशल मीडिया के हेड व अपर पुलिस अधीक्षक राहुल श्रीवास्तव (Head of DGP Headquarters Social Media and Additional Superintendent of Police Rahul Srivastava) बताते है कि यूपी पुलिस के ट्विटर हैंडल (Twitter handle of UP Police) से जितने भी वीडियो लोगों को शराब पीकर गाड़ी न चलाने, ट्रैफिक नियमों को पालन करने और उपद्रव न करने को लेकर पोस्ट किए गए थे, उन्हें खासा पसंद किया गया और लोगों ने उसे जम कर शेयर भी किया. जिसका रिजल्ट ये रहा कि इस वर्ष न्यूनतम सड़क दुर्घटनाएं हुईं और उपद्रव हुआ ही नहीं.
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