लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने मकान मालिक और किरायेदारों के बीच के विवाद को समाप्त करने के उद्देश्य से बनाए गए किरायेदारी कानून को लागू कर दिया है. बता दें कि हाल में ही सरकार ने इस अध्यादेश के प्रारूप को कैबिनेट से मंजूरी दिलाई थी, जिसे मंजूरी के लिए राज्यपाल के भेजा गया था. राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद आवास विकास विभाग ने अब उत्तर प्रदेश नगरीय परिसर किरायेदार विनियमन (द्वितीय) अध्यादेश- 2021 के संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है. ये कानून सोमवार 19 अप्रैल पूरे प्रदेश में प्रभावी हो गया है.
मकान मालिक और किरायेदार के बीच होगा अनुबंध
इस कानून के लागू होने के बाद से अब उत्तर प्रदेश में मकान मालिकों और किरायेदारों के बीच होने वाले विवाद समाप्त हो सकेंगे. मकान मालिक के साथ किरायेदार के क्या-क्या अधिकार हैं, ये इस कानून में सुरक्षित किए गए हैं. अब मकान मालिक बिना लिखित अनुबंध के अपना मकान किराए पर नहीं दे पाएंगे. 11 महीने की आवासीय किरायेदारी के मामलों में मकान मालिक को किरायेदार रखने की जानकारी किराया प्राधिकरण को देना अनिवार्य होगा.
अनुबंध बिना नहीं किराये पर नहीं दिए जाएंगे मकान या बिल्डिंग
ये कानून रेजिडेंशियल के साथ-साथ कमर्शियल बिल्डिंग में भी लागू होगा. अनुबंध के लिए भवन स्वामी, किरायेदार को अपने बारे में पूरी जानकारी और बिल्डिंग की स्थिति का ब्यौरा निर्धारित प्रोफार्मा पर किराया प्राधिकारी को देना होगा. इसमें दोनों लोगों की जिम्मेदारियों का भी उल्लेख किया जाएगा.