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प्रदेश के पॉलिटेक्निक संस्थानों में पारदर्शिता से होगा दाखिला, जारी हुई नई व्यवस्था - लखनऊ न्यूज

उत्तर प्रदेश के निजी, राजकीय और अनुदानित पॉलीटेक्निक संस्थानों में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा को पारदर्शी बनाया जाएगा. इसके लिए नई व्यवस्था जारी की गई है.

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पॉलिटेक्निक संस्थानों में प्रवेश को लेकर पारदर्शिता.

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Published : Sep 11, 2020, 10:07 PM IST

लखनऊ:प्रदेश के निजी, राजकीय और अनुदानित पॉलीटेक्निक संस्थानों में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए इस बार ओएमआर शीट की दूसरी कॉपी संबंधित जिले के कोषागार में रखी जाएगी. वहीं ऑनलाइन परीक्षा देने वाले छात्रों के ब्योरे की सीडी भी कोषागार में लॉक रहेगी.

पॉलीटेक्निक की संयुक्त प्रवेश परीक्षा 12 सितंबर को ऑफलाइन और 15 सितंबर को ऑनलाइन आयोजित की जाएगी. यह प्रवेश परीक्षा दो पालियों में सुबह 9 से 12 और शाम को 2:30 से 5:30 तक होगी. 12 सितंबर को आयोजित होने वाली ऑफलाइन प्रवेश परीक्षा के लिए कुल 3,44,451 छात्रों ने पंजीकरण कराया है. वहीं 15 सितंबर को होने वाली ऑनलाइन परीक्षा के लिए 46,443 छात्रों ने पंजीकरण कराया है. यह ऑफलाइन प्रवेश परीक्षा प्रदेश के 75 जिलों में कराई जाएगी और वहीं ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा 24 जनपदों में आयोजित की जाएगी.

परीक्षा को पूर्ण रूप से पारदर्शी बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. अक्सर कई परीक्षाओं में देखने को मिला है कि अभ्यर्थियों ने परीक्षा परिणाम के बाद कॉपियों की अदला-बदली और अंकों में हेर-फेर करने का आरोप लगाया है, लेकिन पॉलीटेक्निक की संयुक्त प्रवेश परीक्षा में छात्र इस तरह का कोई आरोप नहीं लगा पाएंगे. यदि किन्हीं कारणों से अंगुली उठती भी है तो उसका त्वरित निराकरण भी हो जाएगा. इसके लिए छात्रों की उत्तर पुस्तिका की दूसरी कॉपी संबंधित जिला अधिकारी के कोषागार में सुरक्षित रखी जाएगी. वहीं परीक्षा खत्म होने के तुरंत बाद उन कॉपियों को सेंटर पर ही सील करके कोषागार ले जाया जाएगा.

परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की लॉग डिटेल का पूरा ब्योरा सीडी में दर्ज कर उसको भी सील पैकेट में कोषागार में सुरक्षित रखा जाएगा. यह प्रक्रिया भी परीक्षा खत्म होने के तुरंत बाद पूरी कर ली जाएगी. संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के सचिव एसके वैश्य ने बताया कि पूरी परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए यह व्यवस्था की जाएगी. इससे यदि कोई उत्तर पुस्तिका मिसिंग होती है या छात्र लेकर गायब हो जाता है तो तुरंत पकड़ में आ जाएगा. वहीं अंकों को लेकर यदि गड़बड़ियां पकड़ में आती हैं तो इस व्यवस्था से आने वाली दिक्कत को समझने में आसानी होगी.

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