लखनऊ: लविवि ( लखनऊ विश्वविद्यालय) में फाइनल ईयर की परीक्षा समाप्त हो गई है. वहीं अन्य विद्यार्थियों को प्रमोट किया जा चुका है. इस तरह सत्र 2019-20 को समापन मानते हुए हॉस्टल मरम्मत आदि के लिए खाली करने का निर्देश सभी विद्यार्थियों को दिया गया है. साथ ही यह भी सुझाव दिया गया है कि वे कोरोना संक्रमण के कारण आने में सक्षम नहीं है, तो अपने प्रोवोस्ट को सूचित कर दें. लखनऊ यूनिवर्सिटी ने नए सेशन में हॉस्टल आवंटन के लिए नई प्रक्रिया का ऐलान किया है. यूनिवर्सिटी प्रशासन बीते सेशन में जमा की मेस फीस से ही नए सेशन में हॉस्टल आवंटन की फीस जमा कराने की तैयारी कर रहा है.
विश्वविद्यालय को नहीं वापस करनी पड़ेगी मेस फीस
इसके लिए यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर की ओर से एक आर्डर जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि बीते करीब आठ महीनों से यूनिवर्सिटी के हॉस्टल बंद है. ऐसे में हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों की मेस फीस एलयू के पास जमा है. जो स्टूडेंट अगले सेशन में हॉस्टल में रहना चाहते हैं. उन्हें लिखित में एलयू प्रशासन को देना होगा कि बीते सेशन की बची हुई मेस फीस से उनके अगले सेशन के हॉस्टल आवंटन की फीस जमा कर ली जाए. विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि इससे यूनिवर्सिटी की फीस भी नहीं वापस करनी पड़ेगी और स्टूडेंट्स को नए सेशन में हॉस्टल आवंटन के लिए फीस जमा करने से छुटकारा मिल जाएगा.
15 अक्टूबर से शुरू हो सकता है नया सेशन
विश्वविद्यालय के नियम के अनुसार हर साल सेशन समाप्त होने के बाद विद्यार्थियों को हॉस्टल खाली करना पड़ता है. इस बार मार्च में कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के बाद सभी विद्यार्थी अपने हॉस्टल के कमरों में ताला डाल कर घर चले गए थे. ऐसे में उनके कमरे अभी भी बंद है. लखनऊ विश्वविद्यालय में नया सेशन 15 अक्टूबर से शुरू करने की तैयारी कर रहा है. ऐसे में लखनऊ प्रशासन सभी हॉस्टल खाली कराना चाहता है, ताकि उनकी रिपेयरिंग और रंगाई पुताई का काम हो सके पर कमरे में ताला लगा होने और विद्यार्थियों के सामान अंदर होने के कारण एलयू के सामने चुनौती आ रही है. ऐसे में इस आर्डर के बाद से एलयू को यह पता लग जाएगा कि कौन स्टूडेंट अगले साल हॉस्टल आवंटन कराना चाहता है. उन स्टूडेंट्स के कमरों को एक कमेटी बनाकर खोल कर उनकी रंगाई पुताई व मरम्मत कराने के बाद दोबारा से उनके सामान उन्हीं के कमरों में रखकर ताला बंद कर दिया जाएगा.
चार हॉस्टलों के जीर्णोद्धार के लिए आए हैं पैसे
प्रदेश सरकार की ओर से एलयू के चार हॉस्टलों के जीर्णोद्धार के लिए फंड भी जारी किया गया है. इसमें कैलाश हॉस्टल, सुभाष हॉस्टल, बीरबल साहनी हॉस्टल, और गोल्डन जुबली हॉस्टल शामिल है. बता दें कि इन चारों हॉस्टल की बिल्डिंग करीब एक शताब्दी पुरानी हैं. ऐसे में इनके रखरखाव के लिए हर साल विश्वविद्यालय प्रशासन को लाखों रुपए खर्च करना पड़ता है. विश्वविद्यालय की चीफ प्रॉक्टर नलिनी पांडे ने बताया कि जो विद्यार्थी अगले सत्र में हॉस्टल आवंटन कराना चाहते हैं. उन्हें अपने प्रोवोस्ट को लिखकर देना है कि वह अगले सत्र में हॉस्टल आवंटन की फीस उनके बीते सत्र के मेस फीस के बचे हुए पैसों से कर लिया जाए.