लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों की नई सूची में अवध क्षेत्र के अध्यक्ष के तौर पर नाम है, कमलेश मिश्र का. कमलेश मिश्र को पिछले कार्यकाल के दौरान मध्यकाल में ही उपाध्यक्ष बनाया गया था. करीब 42 वर्षीय कमलेश मिश्र कई वरिष्ठ नेताओं को पीछे छोड़ते हुए अप्रत्याशित तौर पर अध्यक्ष चुन लिए गए हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में हंगामा मच चुका है. अवध क्षेत्र तो बस एक मिसाल है. पूरे नए संगठन में ही सुनील बंसल की स्पष्ट छाप नजर आ रही है. वरिष्ठ पदाधिकारी सकते में हैं. सबने एक सुर में माना है कि भले ही पूर्व महामंत्री संगठन सुनील बंसल अब उत्तर प्रदेश में न हो. लेकिन, उनकी जमकर चली है. उनके लोगों को बिल्कुल भी नहीं छेड़ा गया है. भारतीय जनता पार्टी का भले ही यह संगठन नया हो. लेकिन, बात पुरानी है. ऐसा महसूस किया जा रहा है कि नए अध्यक्ष ने भी सुनील बंसल की एक-एक बात मानी है.
जैसा कि प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी लंबे समय से कह रहे थे कि संगठन में आंशिक बदलाव किया जाएगा. लेकिन, फिर भी उम्मीद थी कि शायद ऐसा न हो. नए अध्यक्ष और नए संगठन महामंत्री को देखते हुए माना जा रहा था कि संगठन में बड़े पैमाने पर बदलाव होगा. लेकिन, आज जबकि सूची जारी हो गई है तो यह महसूस किया जा रहा है कि बहुत कम बदलाव किए गए हैं. निवर्तमान महामंत्री संगठन और वर्तमान में राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल की बनाई हुई कार्यकारिणी में कुछ खास बदलाव नहीं हुए हैं. क्षेत्रों के पदाधिकारी हों या प्रदेश स्तर के पदाधिकारी सभी जगह सुनील बंसल के पसंदीदा चेहरे बने हुए हैं. उनसे कोई खास छेड़छाड़ नहीं की गई है. अवध क्षेत्र के अध्यक्ष इसका बड़ा उदाहरण हैं. उनको सुनील बंसल टीम का खास व्यक्ति बताया जाता रहा है. अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी होते हुए भी दिवंगत शेष नारायण मिश्र की जगह कमलेश मिश्र को अध्यक्ष बनाया जाना इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि बंसल युग अभी उत्तर प्रदेश की भाजपा में समाप्त नहीं हुआ है.