लखनऊ: कोरोनावैक्सीन की बर्बादी रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अपनी रणनीति बदल ली है. बदली हुई रणनीति के क्रम में स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया है कि वैक्शिनेशन सेंटर पर अब तभी वैक्सीन का वायल खुलेगा, जब मौके पर कम से कम आठ लाभार्थी मौजूद होंगे. बता दें कि बीते गुरुवार को मुख्य विकास अधिकारी प्रभाष कुमार ने कई वैक्शिनेशन सेंटर पर जाकर औचक निरीक्षण किया था. जिसमें उन्हें तमाम खामियां मिली थी.
122 से ज्यादा सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में हो रहा है टीकाकरण
राजधानी में 122 से ज्यादा सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में टीकाकरण हो रहा है. तीसरे चरण में बुजुर्ग और 45 साल के ऊपर बीमार लोगों को टीका लगाया जा रहा है. अब तक करीब 2.60 हजार लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं. इसमें करीब 69 हजार बुजुर्ग शामिल हैं. वहीं 20 हजार लोग ऐसे हैं जो 45 साल से अधिक उम्र के बीमार हैं. शेष लोग हेल्थ वर्कर और फ्रंट लाइन वर्कर हैं. शहर में मार्च में करीब एक लाख 13 हजार लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया था. इसमें 97 हजार से ज्यादा लोगों को टीका लग चुका है.
केंद्र पर आठ लोगों के मौजूद होने पर ही लगेगी वैक्सीन
अधिकारियों के मुताबिक, 16 फीसदी कोविशील्ड और कोवैक्सीन के बेकार होने की आशंका है. इसमें कमी लाने की दिशा में अहम कदम उठाए जा रहे हैं. अब पर्याप्त पात्र लोगों को जुटाने के बाद ही वैक्सीन लगाई जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को .05 एमएल की डोज दी जाती है. प्रत्येक वॉयल में 10 डोज होती है. कोल्ड चेन से बाहर निकालने के बाद वॉयल को चार घंटे के भीतर इस्तेमाल कर लेना होता है. ऐसे में अंत में कम से कम आठ लोग साइट पर मौजूद होने पर ही वैक्सीन लगेगी.