लखनऊ: राजधानी में कथित PUBG हत्याकांड के दो ऐसे किरदार जिनका शातिर दिमाग पुलिस की कार्रवाई से भी तेज चल रहा है. एक है आरोपी बेटा व दूसरा वो जिसकी शह पर ये सब हो रहा था. हत्याकांड को अपने अनुसार पुलिस के सामने प्रेजेंट करना व एक-एक सबूत को खत्म करने में बेटे ने कोई भी कसर नहीं छोड़ी, बल्कि उसने अपनी मां के मोबाइल से वो सभी फाइल डिलीट कर दी थीं, जो घटना के असल वजह को सामने ला सकती थी.
7 जून की रात पुलिस जब पीजीआई के यमुनापुरम कॉलोनी स्थित घर से साधना के शव को निकालने पहुंची तो अपने साथ उनके फोन को भी कब्जे में लिया था. पुलिस हर वो सबूत इकट्ठा कर रही थी कि जो राज खोल दे, लेकिन आरोपी बेटा पुलिस के हर कदम से आगे था. पुलिस ने जब साधना के फोन को अनलॉक किया तो वो सबकुछ गायब था जिसे पुलिस साक्ष्य के तौर पर इस्तेमाल कर सकती थी.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, साधना के फोन से 4 जून की सुबह से देर रात हत्या होने के समय तक का कॉल लॉग गायब था. इस दौरान के वाट्सएप चैट, वीडियो कॉल सहित सभी डेटा गायब थे. पीजीआई पुलिस के मुताबिक, साधना की कॉल डिटेल रिपोर्ट में भी 4 जून को बहुत कम नंबरों पर बातचीत हुई पाई गई. जिन नम्बरों पर बात हुई है उसमें ज्यादातर परिवारीजनों के हैं. यानी बेटे ने जिसके इशारे पर घटना को अंजाम दिया वो उसे सुबूत मिटाने का भी डायरेक्शन दे रहा था.