लखनऊ: कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की जांच कराने के लिए सैंपल्स को अब यूपी से अन्य राज्यों में नहीं भेजा जाएगा. किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में अब इसकी जांच शुरू हो चुकी है. माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. अमिता जैन ने बताया कि अभी तक कोरोना पॉजिटिव 10 लोगों की जांच हुई है. इनमें से किसी में भी नया स्ट्रेन नहीं पाया गया है.
KGMU में सफलतापूर्वक हुई जांच
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की जांच के लिए अभी तक सैंपल को यूपी से पुणे जांच करने के लिए भेजा जाता था. माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. अमिता जैन ने बताया कि सीएम योगी के निर्देशानुसार लैब को एडवांस बनाया गया है. पहले से उपलब्ध संसाधनों के जरिए नई जांच को शुरू किया गया है. जीन सीक्वेंसर मशीन से कोरोना पॉजिटिव 10 मरीजों की सफलतापूर्वक जांच की गई है. इन मरीजों में से किसी में भी कोरोना का नया स्ट्रेन नहीं पाया गया है. अमिता जैन ने बताया कि जल्द ही मशीन के लिए जरूरी री-एजेंट अभिकर्मक किट खरीदी जाएगी. इससे जांच में तेजी आएगी. लैब में सिर्फ वायरस के स्ट्रेन की जांच की जाएगी. इसके लिए कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सैंपल लिए जाएंगे.
CDRI और NBRI में जल्द शुरू होगी जांच
ब्रिटेन में फैले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की नई चुनौतियों का सामना करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे., जिसके बाद केजीएमयू में जीन सीक्वेंसिंग की जांच करने का फैसला लिया. केजीएमयू के बाद अब जल्द ही वायरस के नए स्ट्रेन की जांच लखनऊ के सीडीआरआई ( केंद्रीय औषधि शोध संस्थान) और एनबीआरआई ( नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ बॉटनिकल रिसर्च) में शुरू हो जाएगी.
उत्तर प्रदेश में नए स्ट्रेन के तेजी से परीक्षण के लिए जल्दी यूपी में अन्य तीन संस्थानों में जीन सीक्वेंसिंग की जांच शुरू की जाएगी. इसके लिए बनारस के बीएचयू, सीडीआरआई और एनबीआरआई में जनवरी के अंत तक री-एजेंट अभिकर्मक की व्यवस्था पूरी कर ली जाएगी. इसके बाद इन संस्थानों में जांच शुरू होने से प्रदेश में जांच ज्यादा तेजी से हो पाएंगी. यूपी की पहली कोरोना टेस्ट लैब केजीएमयू में ही शुरू की गई थी. यहां के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में बनी बीएसएल थ्री लैब ने टेस्टिंग में रिकॉर्ड कायम किया है. अभी तक 10 लाख 50 हजार टेस्ट किए जा चुके हैं.