लखनऊ :समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भले इंडिया गठबंधन से बातचीत सीट शेयरिंग अभी तक ना कर पाए हों, लेकिन समाजवादी पार्टी अपने परिवारवाद को बढ़ावा देने की रणनीति बना चुकी है. साथ ही परिवार से जुड़े कई नेताओं को चुनाव लड़ने के संकेत कर दिए हैं और तैयारी भी तेज कर दी है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि गठबंधन के स्तर पर बातचीत हो या न हो पाए, समाजवादी पार्टी अपने स्तर पर अपने समानांतर व्यवस्था बनाते हुए चुनावी तैयारी को अंतिम रूप दे रही है.
लोकसभा चुनाव लड़ने वाले परिवार से जुड़े नेता औऱ अन्य सभी संभावित प्रत्याशियों से कहा गया है कि अपने अपने क्षेत्र में पूरी सक्रियता के साथ चुनावी रणनीति को आगे बढ़ाने का काम करें. चुनावी तैयारी को पार्टी के स्थानीय नेताओं के स्तर पर मजबूत करें और पार्टी के विधायक जिले के संगठन से जुड़े नेताओं को साथ लेकर चुनावी तैयारी को बूथ स्तर तक मजबूत करें. परिवारवाली सीटों की बात करें तो समाजवादी पार्टी के लिए यादव लैंड के रूप में पहचान बना चुकी मैनपुरी सीट से बात शुरू करते हैं. यह लोकसभा सीट परम्परागत रूप से यादव परिवार की रही है और सपा संरक्षक स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव के बाद अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव यहां से सांसद हैं. इस बार भी यह इस सीट पर डिंपल यादव चुनाव लड़ेंगी.
मैनपुरी से सटी हुई कन्नौज की सीट से अखिलेश खुद लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. इस बात के संकेत खुद अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव अलग-अलग मौकों पर अपने बयानों से इस बात के संकेत दे चुके हैं. अखिलेश यादव पहली बार इसी सीट से लोकसभा सदस्य चुने गए थे. अब एक बार फिर वह इसी सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. इसी प्रकार यादव लैंड की फिरोजबाद सीट भी यादव परिवार की परम्परागत सीट रही है. हालांकि फिलहाल इस सीट पर भाजपा का कब्जा है और डॉ. चंद्रसेन यहां से लोकसभा सदस्य हैं, लेकिन सपा दोबारा अपनी जीत दर्ज करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. सपा के वरिष्ठ नेता राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को यहां से तैयारी करने के लिए बोला गया है. वह क्षेत्र में अपना चुनाव प्रचार भी शुरू कर चुके हैं. शिवपाल यादव बाकायदा अक्षय यादव को फिरोजाबाद से चुनाव लड़ाकर जिताने की बात का ऐलान कर चुके हैं. पिछले चुनाव में यहां शिवपाल की वजह से ही अक्षय चुनाव हारे थे, लेकिन अब जब शिवपाल अखिलेश के साथ आ चुके हैं तो वह अक्षय को चुनाव लड़ाकर जिताने का दम भी भर रहे हैं.