लखनऊ:पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर ने सोमवार को जब राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया तो समाजवादी पार्टी के अंदर भी यह सवाल सर्वाधिक महत्वपूर्ण हो गया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया. बलिया में नीरज शेखर का विरोध करने वालों ने इसे उनका समाजवादी आंदोलन से विश्वासघात करार दिया और कहा कि वह पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की डगर भूल कर सांप्रदायिक हो गए हैं. वहीं नीरज शेखर के समर्थकों ने इसे बलिया की यादव राजनीति और अखिलेश यादव की उपेक्षापूर्ण कार्यशैली की देन बताया.
- पूर्व पीएम चंद्रशेखर के बेटे हैं नीरज शेखर.
- राज्यसभा की सदस्यता से दिया इस्तीफा.
- समाजवादी पार्टी भी छोड़ी.
- कयासों का दौरा जारी.
- क्या बीजेपी जॉइन करेंगे नीरज शेखर?
- बलिया से टिकट न मिलने से नाराज थे नीरज शेखर.
मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी से चुनावी राजनीति की शुरुआत करने वाले नीरज शेखर बाद में समाजवादी पार्टी के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के भी खास बन गए. अखिलेश यादव की ताजपोशी में भी नीरज शेखर की अहम भूमिका रही, लेकिन धीरे धीरे वह समाजवादी पार्टी की राजनीति में हाशिए पर चले गए समाजवादी पार्टी के बलिया से जुड़े नेताओं की मानें तो नीरज शेखर ने बलिया में हमेशा उच्च वर्ग की राजनीति की.
समाजवादी पार्टी के बलिया से जुड़े यादव समाज के नेता तो नीरज पर सामंतवादी आरोप चस्पा करने में भी हिचक नहीं दिखाते हैं. पार्टी के अंदर उनके विरोधी नेताओं की एक बड़ी लॉबी सक्रिय है, जो यादव समाज से जुड़ी है और अखिलेश यादव की करीबी मानी जाती है. कहा जाता है कि समाजवादी पार्टी के मौजूदा विधायक और अब पार्टी से अलग हो चुके एक पूर्व मंत्री तो नीरज शेखर का खुला विरोध करते रहे हैं.