महिला अपराध के मामलों में सतर्क हुई सरकार, NCRB आंकड़ों में देखी गई कमी
उत्तर प्रदेश में हो रहे महिला अपराध को लेकर सतर्क हुई सरकार की कार्रवाई का असर अब दिखने लगा है. NCRB के आंकड़ों के मुताबिक यूपी में 2017 और 2018 अपेक्षा 2019 में रेप की घटनाएं कम हुई हैं.
NCRB रिपोर्ट
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Published : Dec 3, 2020, 10:54 PM IST
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Updated : Dec 3, 2020, 11:02 PM IST
लखनऊः उत्तर प्रदेश में पूर्ववर्ती अखिलेश यादव की सरकार की अपेक्षा प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार में महिला अपराध को रोकने के लिए बेहतर काम किया गया है. इस दौरान महिला अपराधों को रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. इसका असर NCRB के आंकड़ों में भी दिख रहा है.
महिला अपराध पर सरकार हुई सतर्क.
फास्ट ट्रैक कोर्ट दे रह त्वरित न्याय इन दिनों प्रदेश में महिला अपराध के मामलों में त्वरित न्याय दिलाने के लिए सरकार 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की है. इसके माध्यम से 6 माह के भीतर ही महिला अपराध के मामलों का त्वरित निस्तारण किया जा रहा है. महिला अपराध को नियंत्रित करने में फास्ट ट्रैक कोर्ट का भी योगदान माना जा रहा है. वहीं पुलिस महिला अपराध को लेकर इन दिनों ज्यादा सजग है.
रेप के मामलों में आई गिरावट
यूपी में महिला अपराध.
आगरा में कम हुआ महिला अपराध वहीं प्रदेश के कुछ जिलों में महिला अपराध खूब होते थे, जिनमें आगरा जोन सबसे ऊपर था. एनसीआरबी के 3 साल के आंकड़ों में पाया गया है कि आगरा जोन में जहां 2017 में 1125 महिला अपराध के मामले दर्ज किए गए. 2018 में यह बढ़कर 1347 हो गए, जबकि 2019 में इसमें कमी देखी गई और 1002 मामले ही दर्ज किए गए.
महिला अपराध में प्रदेश के टॉप जोन
जोन
2017
2018
2019
आगरा
1125
1347
1002
मेरठ
950
822
745
प्रयागराज
431
1083
886
वाराणसी
1173
822
794
महिला अपराध में प्रदेश सरकार की त्वरित कार्रवाई प्रदेश सरकार की पैरवी के चलते 1 जनवरी 2019 से 30 जून तक 922 महिला अपराध के मुकदमों में सजा हुई है. इनमें से 5 लोगों को मृत्युदंड की भी सजा सुनाई गई. वहीं, लखनऊ जोन में मिशन शक्ति के तहत 22 लोगों पर कार्रवाई की गई है. 1 जनवरी 2019 से 30 जून तक 822 मुकदमे दर्ज किए गए, जिसमें 699 लोगों को पाबंद किया गया है.
मिशन शक्ति से महिलाओं को मिली शक्ति प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार इन दिनों पूरे प्रदेश में मिशन शक्ति के तहत महिला से जुड़े हुए मामलों और महिला उत्पीड़न के मामलों को लेकर कार्रवाई कर रही है. वहीं, मिशन शक्ति से महिलाओं को विशेष शक्ति मिली है. अब तक मिशन शक्ति के अंतर्गत अभियोजन के विशेष प्रयास की बदौलत 11 मामलों में 14 लोगों को फांसी की सजा हो चुकी है, जबकि 20 को उम्रकैद और 22 लोग जेल भेजे गए.
राजधानी में पिछले साल से कम हुए महिला अपराध राजधानी लखनऊ में भी पिछले साल की अपेक्षा इस साल महिला अपराध की संख्या में कमी देखी गई है. 2019 में 18 पास्को एक्ट के मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2020 के 7 महीनों में केवल बलात्कार की 30 घटनाएं दर्ज की गई हैं. इसी अवधि में 2019 में 49 मामले दर्ज थे, जबकि 2018 में 95 दुष्कर्म की घटनाएं दर्ज की गई थी.
मानसिक विकृतियों के चलते बढ़ रहे हैं महिला अपराध महिला अपराध को लेकर वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉक्टर पीके खत्री ने बताया कि कोई भी व्यक्ति किसी विशेष क्षेत्र में मानसिक विकृति के चलते ही रेप, हत्या और बच्चियों के साथ घिनौनी हरकतें करता है. इन मानसिक विकृतियों की पहचान करके समय रहते समाज और पुलिस के द्वारा सुधार लाया जा सकता है.
जीरो टॉलरेंस की नीति उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार बताते हैं कि अपराध को लेकर प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति चल रही है. इस समय बड़े अपराधी भी नहीं बख्शे जा रहे हैं. न ही अपराध को लेकर किसी भी तरीके का भेदभाव हो रहा है. हर स्तर के अपराध करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो रही है.