लखनऊ : देश में एनडीए और 'इंडिया' गठबंधन के बाद अब तीसरा विकल्प भी तैयार हो गया है. लोकदल के नेतृत्व में राष्ट्रीय किसान मोर्चा का गठन लोकदल के नेतृत्व में किया गया है. शनिवार को लोकदल मुख्यालय पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में नए तीसरे मोर्चे के गठन की घोषणा की गई. लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह को राष्ट्रीय किसान मोर्चा का भी अध्यक्ष बनाया गया है. ऋषिपाल अंबाता इस मोर्चे के संयोजक होंगे. प्रदीप हुड्डा को उपाध्यक्ष बनाया गया है.
राष्ट्रीय किसान मोर्चा का तीसरा विकल्प तैयार :जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव करीब आता जा रहा है वैसे-वैसे विभिन्न राजनीतिक दल मोर्चे बंदी में जुट गए हैं. अब किसानों से जुड़े राजनीतिक दल लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह ने कहा कि 'पिछले 76 साल में इस देश में भाजपा और कांग्रेस के अलावा कई अन्य दलों की सरकार बनी, लेकिन किसी ने नौजवानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया. किसान और नौजवान को सिर्फ वोट का ही जरिया माना. सिर्फ मुफ्त राशन के भरोसे वोट हासिल किया. अब यह चलने वाला नहीं है. देश में राष्ट्रीय किसान मोर्चा का तीसरा विकल्प तैयार हो गया है. अब किसानों की समस्याओं को खत्म करने का जिम्मा इस मोर्चे का होगा. 13 माह तक जो किसान सर्दी, धूप बरसात में बैठे रहे उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ.'
'पार्टियां अपना वोट बैंक बना रही हैं' : उन्होंने कहा कि 'एमएसपी कानून बनाने की बात कही गई, लेकिन आज तक एमएसपी लागू नहीं हुई. कहा जा रहा है किसानों को ₹6000 महीना देकर इज्जत दी जा रही है, लेकिन हकीकत यही है सिर्फ इतने पैसे देकर किसानों को बेइज्जत किया जा रहा है. अगर किसान को देना ही है तो उसकी फसल की कीमत दे दीजिए. जनता के टैक्स के पैसे से सरकार लोगों को मुफ्त राशन बांट रही है. हकीकत है कि इससे पार्टियां अपना वोट बैंक बना रही हैं. यह बिल्कुल भी सही नहीं है. अगर लोगों को मुफ्त राशन देना ही है तो पार्टी अपने पैसे से दे. सरकार के पैसे से नहीं, जनता के टैक्स के पैसे से नहीं. इस बार का चुनाव मंदिर मस्जिद, हिंदू मुस्लिम पर नहीं, किसानों के मुद्दे पर होगा. अब देश के 25 किसान संगठन राष्ट्रीय किसान मोर्चे के नेतृत्व में चुनाव लड़कर सभी दलों को हराने का काम करेंगे.'