लखनऊ : डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय और विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई. इस बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दर्पण में समतामूलक समावेशी शिक्षा और अध्यापक शिक्षा पर चर्चा की गई. संगोष्ठी का आरंभ वाग्देवी की स्थिति के साथ हुआ. अतिथियों का अभिवादन केकेसी कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मंजुल त्रिवेदी ने किया. संगोष्ठी के संयोजक प्रोफेसर डॉ. आरआर सिंह ने अतिथियों का परिचय दिया. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर चर्चा इसलिए आवश्यक है, क्योंकि बिना राष्ट्रीय शिक्षा नीति के किसी भी राष्ट्र के विकास की अवधारणा संभव नहीं है.
डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया गया
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ आईएएस अजीत कुमार और सीआई दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पंकज अरोड़ा रहे. इसके बाद सभी को संगोष्ठी की मूल भावना से परिचित कराया गया. साथ ही एक डॉक्यूमेंट्री का भी प्रदर्शन किया गया.
दिव्यांगों के लिए एक रोल मॉडल हैं अजीत कुमार
प्रोफेसर आरआर सिंह ने मुख्य अतिथि अरविंद कुमार का परिचय गुजरात डेवलपमेंट मॉडल के थिंक टैंक के रूप में कराया. विशिष्ट अतिथि अजीत कुमार को प्रोफेसर आरआर सिंह ने दिव्यांगों के लिए एक रोल मॉडल बताया. उन्होंने समावेशी शिक्षा में दिव्यांगता के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक, भौगोलिक और ट्रांसजेंडर जैसे मुद्दों को भी शामिल करने की बात की.