लखनऊ: बाबरी ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआई ने अपनी विवेचना के उपरांत मामले के 49 आरोपियों के विरुद्ध बलवा और लूटपाट तक की 6 से अधिक धाराओं में विशेष अदालत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया है. जिसमें विजय राजे सिंधिया को मृत दर्शाया गया है. मौजूदा समय में 32 आरोपियों के विरुद्ध अदालत में भिन्न-भिन्न आरोप में विचारण किया गया. जिनके भाग्य का फैसला विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव की कलम से कुछ देर में होगा.
आरोपियों पर यह हैं आरोप
विशेष अदालत के समक्ष सीबीआई ने अपनी संयुक्त चार्जशीट सीट में आरोपियों के विरुद्ध अलग-अलग आरोप लगाए हैं. जिनमें रामचंद्र खत्री, संतोष दुबे, अमरनाथ गोयल, सुधीर कक्कर, जय भान सिंह पवैया, प्रकाश शर्मा, विनय कुमार राय, धर्मेंद्र सिंह गुर्जर, वर्तमान बीजेपी सांसद लल्लू सिंह, रामजी गुप्ता, कमलेश त्रिपाठी, गांधी यादव, हरगोविंद सिंह, विजय बहादुर सिंह, नवीन भाई शुक्ला, रमेश प्रताप सिंह एवं आचार्य धर्मेंद्र देव के विरुद्ध आरोप पत्र में भारतीय दंड संहिता की धारा 147 ,149, 332 ,338, 395 ,153 ए, 153 बी, 295, 295 ए, 505 201 एवं 120 बी के तहत केस दर्ज है. इन लोगों पर विधि विरुद्ध जमावड़ा करने, पांच से अधिक लोगों की भीड़ इकट्ठा करने, धार्मिक स्थल को नष्ट करने, वर्ग विशेष की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, ईंट पत्थर फेंककर हमला करने, लूटपाट करने, दंगा कराने के उद्देश्य से बलवा कराने, दो वर्गों के बीच शत्रुता पैदा करने, राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला भाषण देने, साक्ष्य मिटाने, षड्यंत्र रचने एवं झूठा बयान देकर अफवाह फैलाने का आरोप है.
जबकि पूर्व सांसद पवन कुमार पांडे एवं बृजभूषण शरण सिंह के साथ-साथ जय भगवान गोयल एवं ओम प्रकाश पांडे के विरुद्ध धारा 147, 149 ,332, 338 ,153 ए, 153 बी, 201, 295 ,295 ए, 505 एवं 120 बी भारतीय दंड संहिता का आरोप लगाया गया है. इन सभी आरोपियों पर विधि विरुद्ध जमावड़ा, भीड़ का हुजूम इकट्ठा करना, धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाना, दो समुदायों के बीच धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना, सरकारी काम में बाधा एवं ईंट पत्थर फेंक कर हमला करना, दो वर्गों में शत्रुता पैदा करना, राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला भाषण देना, सबूत मिटाना, झूठा बयान देकर अफवाह फैलाना एवं अपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप है.