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नैक टीम दो, तीन और चार फरवरी करेगी केजीएमयू का निरीक्षण, चिकित्सा विश्वविद्यालय की है यह तैयारी

नैक टीम का निरीक्षण अगले महीने दो फरवरी से तीन दिनों तक केजीएमयू का निरीक्षण करेगी. पिछली बार की तरह इस साल भी केजीएमयू नैक का ए ग्रेड हासिल करना चाहता है. इसके लिए चिकित्सा विश्वविद्यालय पुख्ता तैयारियां कर रहा है.

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Published : Jan 7, 2023, 12:52 PM IST

लखनऊ : किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (King George's Medical University Lucknow) में नैक टीम का निरीक्षण अगले महीने की दो, तीन और चार फरवरी को होगा. नैक की ओर से निरीक्षण (NAAC team inspection in KGMU) की तारीख जारी कर दी है. इसके बाद केजीएमयू में तैयारियां और तेज हो गई हैं. विश्वविद्यालय के पास इस समय नैक की 'ए' ग्रेड है विश्वविद्यालय के सामने इसमें और सुधार करने की बड़ी चुनौती है.

केजीएमयू ने अक्बटूर में ही अपनी एसएसआर रिपोर्ट (SSR Report of KGMU) दाखिल कर दी थी. इस रिपोर्ट के बाद अब इसके निरीक्षण की तारीख आ गई है. एसएसआर रिपोर्ट (SSR Report of KGMU) और नैक टीम के निरीक्षण के दौरान मिलने वाले कुल अंकों के आधार पर ग्रेडिंग जारी की जाएगी. राजभवन और शासन के निर्देश के अनुसार सभी शैक्षणिक संस्थानों को हर साल पांच साल में नैक की रैकिंग प्राप्त करना जरूरी है. इस समय ए प्लस प्लस सर्वोच्च ग्रेड है. केजीएमयू को पिछली बार निरीक्षण में ए ग्रेड मिला था. लखनऊ विश्वविद्यालय ने हाल ही में नैक की ए प्लस प्लस ग्रेड प्राप्त किया है. इसके बाद केजीएमयू पर भी अपनी रैंक में सुधार करने का दबाव है.

शिक्षकों के खाली पद बन सकते हैं चुनौती : किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में इस समय शिक्षकों के करीब सौ पद खाली हैं. इनके पद विज्ञापित हो चुके हैं, लेकिन अभी भी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है. ऐसे में नैक के निरीक्षण के दौरान यह भी एक बड़ा मुद्दा रहेगा. केजीएमयू, प्रवक्ता, प्रो. सुधीर सिंह ने बताया कि नैक निरीक्षण की तारीख आ चुकी है. केजीएमयू में इसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. हमें पूरा विश्वास है कि पिछली रैंक के मुकाबले इस बार और बेहतर रैंक हासिल होगी.

पीपीपी मॉडल पर मिलेगी अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा : केजीएमयू ओपीडी में अल्ट्रासाउंड जांच बंद हो गई है. इसका नोटिस अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर चस्पा कर दी गई है. इसकी वजह से मरीजों को अल्ट्रसाउंड जांच (Ultrasound test facility in KGMU) के लिए भटकना पड़ रहा है. केजीएमयू में रेडियोडायग्नोसिस विभाग व पीपीपी मॉडल पर मरीजों को अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. रेडियोडायग्नोसिस विभाग की तरफ से मुख्य पीआरओ कार्यालय के पास अल्ट्रासाउंड यूनिट है. इसके अलावा करीब 25 विभागों में भी मशीनों का संचालन हो रहा है. विभाग की तरफ से भर्ती मरीजों को जांच की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. जबकि ओपीडी मरीजों की जांच की तारीख दी जाती है. प्रतिदिन 200 से 250 भर्ती व ओपीडी मरीजों की अल्ट्रासाउंड जांच विभाग के डॉक्टर कर रहे हैं. ओपीडी से विभाग आने वाले मरीजों को दो से तीन सप्ताह की वेटिंग दी जा रही है. ओपीडी मरीजों के लिए केजीएमयू में पीपीपी मॉडल पर अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. रोजाना पांच से छह हजार मरीज ओपीडी में आ रहे हैं. इसमें 15 से 20 फीसदी मरीजों को अल्ट्रासाउंड जांच कराने की सलाह दी जा रही है. पीपीपी मॉडल पर अल्ट्रासाउंड जांच फिलहाल बंद कर दी गई है. इसका नोटिस भी चस्पा कर दिया गया है.

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