लखनऊःदेश की राजनीति में उत्तरप्रदेश की राजनीति काफी अहम मानी जाती है. कहा जाता है कि दिल्ली की कुर्सी का रास्ता उत्तरप्रदेश से हो कर गुजरता है. उत्तर प्रदेश की राजनीति में मुस्लिम वोट काफी अहम होता है. जहां यूपी विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोट ने जमकर समाजवादी पार्टी का साथ देते हुए एक मजबूत विपक्ष दिया है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी की दोबारा सरकार बनने में भी अहम भूमिका निभाई है. जिसकी वजह योगी की ताजपोशी फिर से हो रही है. वहीं, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हारने के बाद विपक्षी पार्टियों ने समीक्षा कर रही हैं.
पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले यूपी के मुसलमानों ने इस बार भारतीय जनता पार्टी पर ज्यादा भरोसा जताया है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में जहां बीजेपी को 6 प्रतिशत मुस्लिम वोट मिले थे, वहीं इस बार 2 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ यह आंकड़ा 8 प्रतिशत हो गया है. यूपी में भाजपा को मिला यह मुस्लिम मत प्रतिशत कांग्रेस और बसपा से भी ज्यादा है. भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के महामंत्री दानिश आजाद का कहना है कि यूपी के मुसलमान अब समझने लगे है कि कांग्रेस, बसपा ने अबतक उनको सिर्फ छला है. समाजवादी पार्टी भी डर दिखाकर सिर्फ वोट हासिल करती है. लेकिन इस चुनाव से यह साबित हो गया है कि आने वाले चुनाव में और मुसलमान अब भाजपा की ओर रुख करेगा.