लखनऊ: उदयपुर की घटना पर अब मुस्लिम समुदाय के बड़े मुस्लिम धर्मगुरुओं की प्रतिक्रिया भी सामने आ रही है. दारुल उलूम फरंगी महल के सरपरस्त मौलना खालिद राशिद फरंगी महली, मौलाना सुफियान निजामी, काजी ए शहर मुफ़्ती अबुल इरफ़ान फरंगी महली समेत कई बड़े उलमा ने उदयपुर घटना की निंदी की है. उन्होंने सरकार से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग की है.
उदयपुर की घटना पर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि इस घटना की जितनी निंदा कि जाए कम है. उन्होंने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस्लाम में जुल्म ज्यादती की कोई जगह नहीं, क्योंकि पैगम्बर ए इस्लाम ने सबको मिलकर रहने का हमेशा पैगाम दिया. फरंगी महली ने कहा कि इस तरीके की घटना शर्मनाक है. पैगम्बर ने तो अपने बड़े से बड़े दुश्मनों को भी माफ किया है. मौलाना खालिद रशीद ने मुल्क की अवाम से आपसी भाईचारा और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है.
उदयपुर की घटना पर काजी ए शहर मुफ्ती अबुल इरफान मिया की ओर से भी बयान जारी हुआ है. उन्होंने कहा कि उदयपुर में नुपुर शर्मा का समर्थन करने वाले व्यक्ति की हत्या घोर निंदनीय है. काजी ए शहर मुफ़्ती अबुल इरफान मिया ने कहा कि पैगंबर ए इस्लाम मुहम्मद ए मुस्तफा ने कभी किसी को शारीरिक रूप से नुकसान नहीं पहुंचाया, हमेशा अमन का पैगाम दिया. इसलिए किसी को भी किसी भी आपराधिक गतिविधि को करने के लिए इस्लाम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसलिए हम हमारी संस्थाएं हमारे धर्मगुरु, हमारे बुजुर्ग, हमारे उलेमा इस तरह की गतिविधियों की सख्त से सख्त निंदा करते हैं और आवाम से खासतौर से नौजवानों से अपील करते हैं कि जज़्बात में आकर किसी भी तरह की गैरकानूनी या गैर शरई गतिविधि में शामिल न हों.
दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता और मुस्लिम धर्मगुरु मौलना सुफियान निजामी ने कहा कि हमारे मुल्क के अंदर कानून है, संविधान है. अगर किसी को भी अपना एतराज दर्ज कराना है तो उसको कानून और संविधान ने हक दिया है. अपनी बात हुकूमतों और अदालतों तक पहुंचाने के रास्ते दिए हैं. इसलिए कानून को हाथ में लेने का इख़्तियार किसी को नहीं दिया जा सकता है. मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि इस वहशियाना अमल की किसी भी सूरत में हिमायत नहीं की जा सकती. लिहाजा सरकार को चाहिए कि मुजरिमों को सख्त सजा दी जाए, ताकि मुस्तक़बिल में इस तरह की वारदातें कभी न देखने को मिलें.