लखनऊ:इस्लाम के पांच मूल स्तंभों में से एक हज भी है. हज के सफर पर दुनिया भर से मुसलमान सऊदी अरब पहुंचते हैं और हज के अरकान अदा करते हैं. लेकिन कोरोना महामारी ने पिछले वर्ष हज पर जहां दूसरे देशों से आने वाले लोगों पर पाबंदी लगा दी थी, वहीं इस बार बेहद कम लोग ही हज करने जा सकेंगे. हज के सफर पर जाने से पहले इस बार हज यात्रियों को पहले से कई काम करने होंगे, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण कार्य टीकाकरण है. सऊदी अरब ने हेल्थ गाइडलाइंस में हर यात्री को अपने देश से कोविड का टीका लगवाने के बाद सऊदी अरब आने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में मुस्लिम धर्मगुरु फरंगी महली ने आजमीन से जल्द से जल्द पहली डोज़ लेने की अपील की है.
मुस्लिम धर्म गुरू मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगी होने पर ही कर सकेंगे हजसऊदी हुकूमत की ओर से जारी हेल्थ गाइडलाइन में सभी को कोविड के टीके की दोनों डोज लगवाने के निर्देश दिए गए हैं. मुस्लिम धर्म गुरू फरंगी महली ने इस मामले पर बोलते हुए कहा कि इस वर्ष मुसलमानों के जेहन में हज को लेकर काफी असमंजस की स्थिति थी. लेकिन अच्छी बात है कि सऊदी सरकार ने हज को लेकर एलान कर दिया है. इस बार दूसरे देशों के लोगों को भी हज पर जाने का मौका मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह साफ है कि बिना टीकाकरण के किसी को हज पर जाने को नहीं मिलेगा. लिहाज़ा अब यह और भी ज़रूरी है कि हर शख्स टीका लगवा ले. मौलाना ने कहा कि क्योंकि दो खुराक के बीच में 80 दिन से ज़्यादा का समय .है ऐसे में पहली खुराक हर हज पर जाने की ख्वाइश रखने वाला शख्स लगवा ले, जिससे हज के वक्त से पहले दूसरी डोज़ भी लग जाए.
18 से 60 वर्ष तक के ही लोग कर सकेंगे हजकोरोना काल में जहां लोगों के जीने के तरीकों में बदलाव देखने को मिले हैं, वहीं धार्मिक रीति रिवाज में भी बदलाव हो रहे हैं. इस वर्ष कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए सऊदी अरब सरकार ने दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों की आयु भी निर्धारित की है. इस वर्ष केवल 18 से 60 साल के लोग ही हज पर सऊदी अरब जा सकेंगे. जहां हर वर्ष 20 से 22 लाख लोग एक साथ हज के अरकान पूरे करते थे, वहीं इस वर्ष सऊदी हुकूमत ने दूसरे देशों से सिर्फ 45 हज़ार लोगों को ही आने की अनुमति दी है. हालांकि अभी भारत से कितने हाजी जाएंगे इसका ऐलान नहीं हुआ है.