लखनऊ:मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया का दो दिवसीय अधिवेशन लखनऊ में जारी है. इस दौरान चारबाग स्थित एक होटल में देशभर के सूफी सज्जादानशीन सहित मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों ने अधिवेशन में शिरकत की. अधिवेशन में बैठक के दौरान अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चर्चा हुई इसके साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड की सम्पत्ति और मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर चर्चा की गई.
सोमवार को हुए इस अधिवेशन में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया ने अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा हो रही ज्यादती की निंदा की गई. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए MPLBI आंध्र प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष सूफी अल्ताफ रजा ने कहा कि हिंदुस्तान में सभी धर्मो के लोग रहते हैं. हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी एक हैं और मिलजुलकर रहते हैं. हम कट्टरपंथी विचारधारा और तालिबानी विचारधारा से सहमत नहीं है.
MPLBI कर रहा मुसलमानों के मुद्दों पर मंथन, तालिबान का किया विरोध
अधिवेशन में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया ने अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा हो रही ज्यादती की निंदा की गई. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए MPLBI आंध्र प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष सूफी अल्ताफ रजा ने कहा कि हिंदुस्तान में सभी धर्मो के लोग रहते हैं. हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी एक हैं और मिलजुलकर रहते हैं. हम कट्टरपंथी विचारधारा और तालिबानी विचारधारा से सहमत नहीं है.
मुसलमानों के मुद्दों पर मंथन
इस दौरान MPLBI के राष्ट्रीय अध्यक्ष कारी युसुफ आजिजी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि यह अधिवेशन 23 और 24 अगस्त तक चलेगा. हम इस लोकतांत्रिक मुल्क में जम्हूरियत के लिए काम करेंगे. महिलाओं का ट्रिपल तलाक का मुद्दा हो या वक्फ संपत्तियों का, इन तमाम मसलों को अपने मुद्दों में रखेंगे. कारी युसुफ ने कहा कि आज अधिवेशन का पहला दिन था. तीन घंटे तक मीटिंग चली है और अभी कई और बैठकें होंगी.गौरतलब है कि मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तर्ज पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया का गठन किया गया है.
हालांकि इस बोर्ड की AIMPLB से कई मुद्दों पर राय अलग है और यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बोर्ड अधिवेशन के नाम पर जमीनी स्तर पर अपनी पैठ बनाने में जुटता हुआ नज़र आ रहा है. अब देखना यह होगा कि पहले से मौजूद देश की सबसे बड़ी मुसलमानों कि संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से हटकर यह बोर्ड मुसलमानों के नाम पर कितना काम करता है या फिर सिर्फ चुनाव में सियासी लाभ उठाने के लिए बोर्ड ने बैठकें तेज की हैं.