लखनऊ: राजधानी में डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के गेट पर कैदी के बेटे की हत्या के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर का दावा है कि डिप्रेशन का शिकार सीतापुर में तैनात सिपाही आशीष ने अपनी मां को गोली से उड़ाने की धमकी दी थी. बहन की शिकायत पर आशीष का लाइसेंसी असलहा पुलिस ने जमा करा लिया था.
बता दें , बीते बुधवार शाम सीतापुर के रहने वाले 34 साल के प्रवीण सिंह की हत्या कर दी गई थी. हत्या बदायूं निवासी सिपाही आशीष ने की थी. वर्तमान में सिपाही की तैनाती सीतापुर में है. वह किडनी की बीमारी से पीड़ित एक कैदी की सुरक्षा में था. हत्या करने के बाद सिपाही ने थाने में पहुंचकर सरेंडर कर दिया था.
जिसकी सुरक्षा का जिम्मा उसी के बेटे का किया कत्ल
बदायूं निवासी आशीष मिश्रा 2016 में सिपाही के तौर पर भर्ती हुआ था. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उसे 2017 में सीतापुर में तैनाती मिली थी. तभी से वह सीतापुर में ड्यूटी कर रहा था. पुलिस की जांच में सामने आया कि बुधवार को अपनी अभिरक्षा में इलाज करा रहे कैदी ध्रुव के बेटे प्रवीण की हत्या से तीन दिन पहले उसने अपनी मां को भी जान से मारने की धमकी दी थी. इस पर उसकी बहन ने फोन करके इसकी जानकारी एसपी सीतापुर को दी. एसपी ने किसी घटना को अंजाम देने से पहले सिरफिरे सिपाही की सरकारी असलहा तो जमा करवा ली, लेकिन नागरिक सुरक्षा में उसकी सेवाएं लेते रहे. नतीजन, जिसकी सुरक्षा का जिम्मा लिया था उसी के बेटे का कत्ल कर डाला.
घर का इकलौता सहारा था प्रवीण
खाकी वर्दी वाले आशीष ने जिस सीतापुर के मिश्रित निवासी प्रवीण की हत्या की वह अपने घर का इकलौता सहारा था. उसके पिता ध्रुव कुमार पर 1997 में हत्या का आरोप लगा था. बीते मार्च में कोर्ट ने इस केस में ध्रुव को सजा सुनाई थी. घर की आर्थिक हालत पहले से ही खस्ता थी. केस की पैरवी में परिवार की माली हालत और बिगड़ गई है. मजबूरी में प्रवीण ने सीतापुर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचना शुरू किया था. वह पूरे दिन ट्रेन में चाय बेचने के बाद शाम को पिता के लिए खाना लेकर लोहिया अस्पताल आता था.
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गले नहीं उतर रहा आरोपी का बयान
पुलिस अधिकारियों ने शुरुआती जांच में दावा किया कि प्रवीण ही तमंचा लेकर अस्पताल आया था. उसी का तमंचा छीनकर आशीष ने प्रवीण की हत्या कर दी. आशीष से पूछताछ करने वाले एसीपी विभूतिखंड प्रवीण मालिक का कहना है कि चाय बेचने वाला युवक तमंचा कहां से लेकर आएगा, इसलिए आशीष की इस दलील पर जरा भी भरोसा नहीं किया जा रहा है. मामले की गहराई से छानबीन की जा रही है.