लखनऊ: डेंगू पर काबू पाना हर साल सरकार की चुनौती होती है. लखनऊ में भी पिछले 8 साल में डेंगू के मामले बढ़े हैं. डेंगू के साथ मलेरिया और अन्य बीमारी भी फैलती है, लेकिन सबसे ज्यादा डेंगू का कहर देखने को मिलता है. शासन लाख दावे करता है कि इस बार उसने डेंगू पर काबू पा लिया है, लेकिन हर साल नतीजा एक ही तरह का होता है. लखनऊ में डेंगू पर ब्रेक लगाना आसान नहीं हो पा रहा है.
लखनऊ: डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए नगर निगम ने की तैयारी
लखनऊ में हर साल डेंगू अपने पैर पसार लेता है. इसके कारण कई लोगों को अपनी जान गवानी पड़ती है. शासन और प्रशासन लाख दावे करता रहता है कि उन्होंने तैयारी पूरी कर ली है, लेकिन उसका असर नहीं दिखता है.इसी क्रम में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से बचाव को लेकर नगर निगम ने तैयारियां शुरू कर दी है.
नगर निगम हर साल इन रोगों की रोकथाम के दावे करता है कि छिड़काव हो रहा है और सब कुछ ठीक रहेगा. मगर इसका नतीजा हर बार विपरीत हो जाता है. इस साल भी नगर निगम का कहना है कि वो छिड़काव के साथ लोगों को जागरूक कर रहा है कि घरों में पानी न भरने दे, घर में साफ-सफाई रखें. इसी क्रम में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से बचाव को लेकर नगर निगम ने तैयारियां शुरू कर दी है.
लोगों को किया जा रहा जागरूक
नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी अनिल रावत का कहना है कि डेंगू का मच्छर दिन में काटता है इसलिए वो और उनके कर्मचारी लोगों को लगातार जागरूक कर रहे है कि घरों में पानी न भरने दें. लोग गमलों के नीचे थाली लगाकर पानी डालते हैं और उसमें पानी भरने देते हैं. ऐसी स्थिति में भी मच्छर उत्पन्न हो जाते हैं. इस बार नगर निगम अपने 55 ट्रैक्टर की मदद से शहर के अलग-अलग इलाकों में छिड़काव करा रहा है, ताकि मलेरिया का मच्छर न उत्पन्न हो.