लखनऊ: एचडी देवगौड़ा जब भारत के प्रधानमंत्री थे और मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav and HD Deve Gowda) उनके रक्षा मंत्री, तब उन्होंने स्पष्ट संकेत दे दिया था कि अगर वे उत्तर प्रदेश में लगातार दौरे करते रहे तो उनको गठबंधन तोड़ना होगा और वो अपनी राजनीति अलग दिशा में करेंगे. इसके बाद प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा को उत्तर प्रदेश से अपने कदम पीछे खींचने पड़े थे.
मुलायम सिंह यादव के समय में उनसे जुड़े अहम मुद्दों पर लिखने वाले वरिष्ठ पत्रकार जे.पी. शुक्ला ने बताया कि मुलायम सिंह यादव की अनेक खूबियां थीं. वे अपनी पार्टी और राजनीति को लेकर काफी संवेदनशील थे. इसके लिए वे पहले से ही आंकलन कर लेते थे. उन्होंने बताया कि चौधरी चरण सिंह की मृत्यु के बाद जब अजीत सिंह उत्तर प्रदेश में सक्रिय होने लगे तो उन्हें लगने लगा था कि अजीत सिंह अपना अलग रास्ता निकाल सकते हैं. उन्हें यह महसूस हो गया था कि पार्टी टूट जाएगी. वे समाजवादी पार्टी के दिवंगत नेता रामशरण दास के साथ उनके आवास पर आए थे. उन्होंने आग्रह किया था कि उनका अजीत सिंह से अच्छा संबंध हैं. इसलिए एक बार बात करें कि वह पार्टी ना छोड़ें.
जेपी शुक्ला ने बताया कि तब मैंने अजीत सिंह से बात की थी मगर अजीत सिंह की बातों से ऐसा नहीं लगा कि वह कोई सकारात्मक निर्णय मुलायम सिंह के लिए लेंगे. इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने कह दिया था कि ठीक है उनको अपना रास्ता अख्तियार कर लेने दीजिए.