उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

पार्टी को टूटने से बचाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री से भी भिड़ गए थे मुलायम सिंह यादव

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने अपनी पार्टी को बचाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा (Mulayam Singh Yadav and HD Deve Gowda) से भिड़ गए थे.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Oct 10, 2022, 8:02 PM IST

Updated : Oct 10, 2022, 8:31 PM IST

लखनऊ: एचडी देवगौड़ा जब भारत के प्रधानमंत्री थे और मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav and HD Deve Gowda) उनके रक्षा मंत्री, तब उन्होंने स्पष्ट संकेत दे दिया था कि अगर वे उत्तर प्रदेश में लगातार दौरे करते रहे तो उनको गठबंधन तोड़ना होगा और वो अपनी राजनीति अलग दिशा में करेंगे. इसके बाद प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा को उत्तर प्रदेश से अपने कदम पीछे खींचने पड़े थे.

मुलायम सिंह यादव के समय में उनसे जुड़े अहम मुद्दों पर लिखने वाले वरिष्ठ पत्रकार जे.पी. शुक्ला ने बताया कि मुलायम सिंह यादव की अनेक खूबियां थीं. वे अपनी पार्टी और राजनीति को लेकर काफी संवेदनशील थे. इसके लिए वे पहले से ही आंकलन कर लेते थे. उन्होंने बताया कि चौधरी चरण सिंह की मृत्यु के बाद जब अजीत सिंह उत्तर प्रदेश में सक्रिय होने लगे तो उन्हें लगने लगा था कि अजीत सिंह अपना अलग रास्ता निकाल सकते हैं. उन्हें यह महसूस हो गया था कि पार्टी टूट जाएगी. वे समाजवादी पार्टी के दिवंगत नेता रामशरण दास के साथ उनके आवास पर आए थे. उन्होंने आग्रह किया था कि उनका अजीत सिंह से अच्छा संबंध हैं. इसलिए एक बार बात करें कि वह पार्टी ना छोड़ें.

जेपी शुक्ला ने बताया कि तब मैंने अजीत सिंह से बात की थी मगर अजीत सिंह की बातों से ऐसा नहीं लगा कि वह कोई सकारात्मक निर्णय मुलायम सिंह के लिए लेंगे. इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने कह दिया था कि ठीक है उनको अपना रास्ता अख्तियार कर लेने दीजिए.

जेपी शुक्ला बताते हैं कि जब वे रक्षा मंत्री थे तब देवेगौड़ा ने बतौर प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीतिक शख्सियत को ऊंचा करने के लिए अनेक दौरे करना शुरू कर दिया. मुलायम सिंह यादव को तब लगने लगा कि यह गलत हो जाएगा. इससे उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में कमजोर हो सकती है. इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने मुझे बुलाया और कहा कि वह एक स्टोरी लिखें. जिसमें वह स्पष्ट संकेत दें कि अगर देवगौड़ा इसी तरह से उत्तर प्रदेश में सियासी तौर पर सक्रिय रहे तो मुलायम सिंह यादव अपना रास्ता अलग कर सकते हैं. गठबंधन टूट सकता है, जिसके बाद मुलायम सिंह यादव की जीत हुई और देवेगौड़ा ने अपने कदम उत्तर प्रदेश से पीछे खींच लिए थे.

मुलायम सिंह यादव के बारे में बताते वरिष्ठ पत्रकार जे.पी. शुक्ला

जेपी शुक्ला बताते हैं कि उत्तर प्रदेश पत्रकार संघ के महामंत्री के तौर पर उन्होंने देखा था कि मुलायम सिंह यादव बहुत ही संवेदनशील थे. जहां तक पत्रकारों के मसले होते थे, वह बहुत ही विनम्रता के साथ उनके आग्रह को स्वीकार करते थे. कार्यक्रमों में आना हो या पत्रकारों को मिलने वाली सुविधाएं हो, मुलायम सिंह यादव हमेशा ही अग्रणी भूमिका निभाते थे.

यह भी पढ़ें:यूपी के इन शहरों से नेताजी को था खासा लगाव

Last Updated : Oct 10, 2022, 8:31 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details